MP Weather : मध्यप्रदेश में आए दिन बिन मौसम बारिश से जहां आम जन जीवन काफी ज्यादा हताश हुआ है, लेकिन वहीं अभी भी कई इलाकों में बदरी छाई हुई है। ऐसे में बादलों के मध्य गर्मी बढ़ने (Heat Increase) लगी है। मौसम विभाग (IMD Forecast) की मानें तो अभी भी कई इलाकों में तेज बरसात की आशंका बनी हुई है। आज से लेकर अगले एक दो दिन में कुछ जिलों में बूंदाबांदी के साथ बिजली और आंधी तूफ़ान का अलर्ट भी जारी किया हैं।
प्रदेश में मौसम में निरंतर दवाब होने के कारण छिटपुट वर्षा हो रही है। इसके साथ ही प्रदेश में कई स्थानों पर मध्यम व तीव्र रफ़्तार से भी बरसात रिकॉर्ड की गई है। बीते 24 घंटों में राजधानी समेत अनेक संभागों भोपाल, नर्मदापुरम, सागर, शहडोल और ग्वालियर चंबल में बरसात रिकॉर्ड की गई है। इसके साथ ही इंदौर, उज्जैन और रीवा संभाग में भी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। मध्यप्रदेश में अगले 24 घंटों तक मौसम में निरंतर वृष्टि का सिलसिला जारी रहेगा। सतत हो रही बारिश की वजह से दिन और रात्रि के टेंपरेचर में बड़ी तीव्रता के साथ गिरावट आई है।
मौसम विभाग के अनुसार, 18 अगस्त के उपरान्त दो मौसम प्रणाली सक्रिय हो गई हैं। जिसके चलते पूर्वी भागों से वर्षा का नेक्स्ट चरण प्रारंभ हो गया है। इस बीच छिटपुट स्थानों पर तूफानी वर्षा भी हो सकती है। वही वेस्टर्न भागों में मामूली वर्षा और बिजली चमकने की आशंका जताई गई है। बंगाल की खाड़ी में नमी के प्रभाव से 19 व 22 अगस्त को भारी बारिश होने के आसार जताए गए है। इसका प्रभाव ग्वालियर-चंबल संभाग सहित कई जिलों में देखने को मिलेगा।
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मौसम विशेषज्ञों के अनुसार जारी पूर्वानुमान में जताया गया हैं कि 18 अगस्त यानी आज से रीवा शहडोल सागर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं छिटपुट बरसात का दौर जारी होने की आशंका जताई गई है। वहीं आज मंगलवार को इंदौर, उज्जैन, भोपाल, नर्मदापुरम के जिलों में मामूली छींटे भी पड़ने का अंदेशा जताया गया है। वही उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी हिस्सों में एक साइक्लोनिक चक्र बनने से उत्पन्न इसका प्रभाव 19 अगस्त से पूर्वी मध्य प्रदेश के रीवा, शहडोल, सागर संभाग के जिलों में अलग अलग हिस्सों में वृष्टि का चरण बरक़रार रहने का अंदेशा जताया गया है।
MP मौसम विभाग की मानें तो मौजूदा समय में बिहार के इर्द गिर्द हवा के ऊपरी हिस्सों में एक साइक्लोन बना हुआ है। एक द्रोणिका मणिपुर एवं दूसरी द्रोणिका बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। वही वर्षाऋतु द्रोणिका हिमालय की तलहटी में जा पहुंची। पाकिस्तान और उससे सटे पंजाब के अड़ोस पड़ोस एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस बना हुआ है। वहीं इसके अतिरिक्त बंगाल की खाड़ी में आंध्रा के किनारे पर भी हवा के ऊपरी हिस्सों में एक साइक्लोन बना हुआ है। अलग-अलग जगहों पर बनी इन मौसम प्रणालियों का फिलहाल मध्य प्रदेश के मौसम पर खास प्रभाव पड़ने वाला है, जिससे वर्षाकाल की हलचल लगातार देखने को मिलेगी।