देश लौटे लीबिया से छुड़ाए गए 17 भारतीय, नौकरी का लालच देकर ले जाया गया था विदेश!

17 भारतीयों को उच्चकोटि जेलों से मुक्ति मिली है, जिन्हें लीबिया की त्रिपोली जेल में बंद किया गया था। ये लोग रविवार के देर रात देश में वापसी कर चुके हैं। इन लोगों को ट्रैवल एजेंट्स ने इटली में अच्छी नौकरी का झांसा दिया था। ये लोग मुख्यतः पंजाब और हरियाणा से हैं। राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर साझा किया कि ये लोग नौकरी के लालच में इस रास्ते पर चले गए थे और उनसे 13 लाख रुपए लिए गए थे। उनके साथ लीबिया में मारपीट भी की गई थी और उन्हें कठिन परिस्थितियों में रहना पड़ा था।

इस संदर्भ में पूरी कहानी जानने के लिए, सरकारी स्रोतों का कहना है कि 26 मई को ट्यूनीशिया में भारतीय दूतावास को यह जानकारी मिली थी कि लीबिया में बंधक बनाए गए भारतीय नागरिक हैं। उनके परिजनों ने यह सूचना दी थी कि उन्हें लीबिया के ज्वारा शहर में बंधक बनाया गया है।

इसके पश्चात्तर, भारतीय दूतावास ने एक महीने तक विभिन्न माध्यमों से लीबिया के प्रशासन से यहाँ की कार्रवाई के लिए अपील की। 13 जून को लीबिया ने इन बंधक बनाए गए भारतीयों को छुड़ाया, लेकिन उन्हें गैरकानूनी रूप से देश में प्रवेश करने के आरोप में त्रिपोली जेल में बंद किया गया था। इसके बाद, भारतीय सरकार ने सभी 17 भारतीयों का कॉन्सुलर एक्सेस हासिल करने का प्रयास किया और उन्हें वापस लाने के लिए यत्नशील थी।

इस मुश्किल दौरान, भारतीय दूतावास ने इन भारतीय नागरिकों की हर जरूरत को ध्यान में रखा, जिसमें खाद्य, दवाएँ और वस्त्र शामिल थे, क्योंकि उनके पास पासपोर्ट नहीं थे। उन्हें अपातकालीन सर्टिफिकेट भी दिए गए थे ताकि सभी भारत वापस आ सकें। उनके लिए विमान टिकट की व्यवस्था भी की गई थी।