Small Business Idea: इस खेती को करने से हो जाएंगे मालामाल, कम लागत में देती है खूब मुनाफा

Small Business Idea: आज के बढ़ती महंगाई और बेतहाशा बेरोजगारी के इस दौर में नौकरी के माध्यम से अपना जीवन यापन करना ही बेहद कठिन हो रहा है, तो फिर अपने सपनों को पूरा करने की तो गुंजाइश ही बाकी नहीं बचती है. महीना ख़त्म होने से कहीं पहले ही नौकरी से मिली हुई सैलेरी साथ छोड़कर जा चुकी होती है, जिसकी वजह से महीने के आखिरी दिनों में अच्छी खासी दिक्क्तों का सामना सभी वेतन भोगियों को करना पढ़ता है.

यह समस्या मुख्यतः प्रायवेट सेक्टर के छोटे और मध्यम वर्ग के कर्मचारियों को सर्वाधिक फेस करना पड़ती है, जबकि प्रायवेट सेक्टर्स के शीर्ष अधिकारी और सरकारी नौकरी के लगभग सभी वर्ग के कर्मचारी इन समस्याओं से सबसे कम दुष्प्रभावित होते हैं. आज के दौर में अपनी जरूरतों के साथ ही अपने सपनों को भी पूरा करना है तो व्यापार से बेहतर कोई क्षेत्र नहीं है, जिसमें जोखिम तो होता है, मगर प्रॉफिट की सर्वाधिक संभावना भी इसी क्षेत्र में पाई जाती है. आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे बिजनेस आइडिया की जिसमें आप कम पूंजी में बड़ी कमाई करके अपनी जरूरतों के साथ ही अपने सपनो को भी पूरा कर सकते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में…

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म आपको एक ऐसी फसल के बारे में बता रहे है, जिसे अपने खेत में लगाकर आप मोटा पैसा कमा सकते हैं. हम बात कर रहे हैं कुंदरू की खेती (Kundru Farming) की. आप कुंदरू की फसल कहीं भी लगा सकते हैं. देश के गर्म इलाकों में भी यह फसल अच्छा फायदा देती है. वहीं, जहां बहुत ज्यादा ठंड पड़ती है वहां 7-8 महीने ही फसल मिल पाती है, क्योंकि इस सीजन में पैदावार कम होती है. वहीं, मचान तैयार करके कुंदरू की खेती करने पर आप और भी ज्यादा पैदावार ले सकते हैं.

बलुई दोमट मिट्टी वाले खेत में कुंदरू का उत्पादन बहुत बढ़िया होता है. वहीं, मिट्टी का पीएच 7 पॉइंट से ज्यादा नहीं होना चाहिए. इसकी बेहतर फसल के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु सबसे बढ़िया मानी जाती है. इसकी अच्छी पैदावार चाहिए तो 30-35 डिग्री टेम्प्रेचर के बीच बहुत अच्छा होता है.

खेत तैयार करते समय इसमें पर्याप्त मात्रा में गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट डालना न भूलें. इसकी फसल लगाने के लिए सबसे पहले बीजों से नर्सरी तैयार करना पड़ता है और उसके बाद बुआई की जाती है. कुंदरू की अच्छी पैदावार के लिए उन्नत किस्म के बीजों को ही चुनें, वरना आप अपना ही नुकसान कर बैठेंगे.

बारिश में कुंदरू की बुवाई करने से फसल आसानी से जड़ पकड़ लेगी और तेजी से ग्रोथ करेगी. जब पौधों की बेल बनने लगें तो बांस और तार की मदद से मचान तैयार करना होगा. इसके बाद कुंदरू की बेलों को मचान पर चढ़ा दें.

कुंदरू की फसल में गर्मी में 4-5 दिन के अंतर में और सर्दियों में 8-10 दिनों में सिंचाई की जरूरत पड़ती है. रोपाई के करीब 2 महीने से भी कम समय में कुंदरू की फसल तैयार हो जाती है. आप पहली बार 45-50 दिन में इसे हार्वेस्ट कर सकते हैं. इसके बाद हर 4-5 दिन में आप इसकी तुड़ाई कर सकते हैं.

प्रति हेक्टेयर खेती से आपको 300-450 क्विंटल तक का उत्पादन हो सकता है. फुटकर बाजार में कुंदरू 80-100 रुपये किलो और थोक में 40-50 रुपये किलो के हिसाब से बिकता है. इस तरह आर 400 क्विंटल की पैदावार को 40 रुपये के हिसाब से भी बेचे तो आप 16 लाख रुपये कमा सकते हैं. वहीं, एक बार बुवाई के बाद लगभग 4 साल तक आपको उत्पादन मिलता रहेगा.