गणपति बप्पा को क्यों माना जाता है विघ्नहर्ता? इसके पीछे कई मान्यताएँ और कथाएँ, जानें

Ganesh Chaturthi 2023 Special : गणपति भगवान, हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं और उन्हें ‘विघ्नहर्ता’ यानि आपदाओं को हरने वाला माना जाता है। इसके पीछे कई मान्यताएँ और कथाएँ हैं जो इस उपनाम को जानने का कारण हैं।

गणपति भगवान का एक प्रमुख चरित्रिक आकार है, जिनमें वे भगवान शिव और पार्वती के पुत्र होते हैं। उनके चरणों में एक माउस (मूषक) दिखाया जाता है, जो विघ्नों को दूर करने का संकेत है। इससे गणपति को ‘मूषकवाहन’ भी कहा जाता है।

एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, श्री गणपति का जन्म मां पार्वती के द्वारपाल की रूप में हुआ था, जब वे गुस्से में पिता शिव के अभाव को दूर करने के लिए एक विघ्न रूप में उत्पन्न हुए। इसके परिणामस्वरूप, गणपति को विघ्नहर्ता कहा जाने लगा।

विभिन्न संगठनों और व्यक्तिगत पूजाओं में गणपति की विशेष उपासना की जाती है, जिससे लोग आपदाओं, रुकावटों और संघर्षों को पार करने की शक्ति प्राप्त करते हैं। इसलिए गणपति को विग्नहर्ता कहकर पुकारना गणेश चतुर्थी जैसे महत्वपूर्ण पर्वों में विशेष महत्व दिया जाता है।

गणपति जी को ‘विघ्नहर्ता’ मानने के पीछे विचारशीलता, आध्यात्मिकता और धार्मिक संवाद का एक महत्वपूर्ण कारण है, जो हमारे जीवन में आने वाली आपदाओं को हरने के लिए हमें प्रेरित करता है।

इसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं

 

विघ्ननाशक

गणपति जी को विघ्नहर्ता के रूप में पूजा जाता है क्योंकि वे जीवन की सभी मुश्किलों और आपदाओं को दूर करने वाले माने जाते हैं। उनकी कृपा से लोग अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।

ध्यान और साधना

गणपति की पूजा और ध्यान विविध आध्यात्मिक साधना का हिस्सा होती है, जिससे मन को शांति मिलती है और व्यक्ति अपने आप से जुड़ पाता है।

आदर्श

गणपति जी का देवता होने के नाते, वे मानवता के आदर्श को प्रतिष्ठापित करते हैं। वे हमें साहस, संघर्ष, और सफलता की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।

सम्पूर्णता का प्रतीक

गणपति जी के वक्रतुंड (वक्र = वक्रता और उंड = तुंड) रूप का संकेत है कि वे सम्पूर्णता के प्रतीक हैं और सभी समस्याओं का हल प्रदान करते हैं।