गणेश उत्‍सव भाद्रपद चतुर्थी से ही क्‍यों शुरू होता है? जानें इसकी रोचक वजह और ऐतिहासिक महत्व

Ganpati Sthapana 2023 : लाखों भक्तगण इस पर्व का इंतज़ार बड़ी ही बेसब्री के साथ करते हैं। यह गणेश उत्‍सव अगले 10 दिनों तक जारी रहेगा। भगवान श्री गणेश को प्रथम पूजनीय देव का स्थान प्राप्त हैं। जिसको ध्यान में रखते हुए भक्त भगवान की आवभगत में किसी भी प्रकार की कोई त्रुटि को जगह नहीं देना चाहते हैं। साथ ही बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ बप्पा का वेलकम करना चाहते हैं।

वहीं आपको बता दें कि इस मनुष्य जीवन में होने वाले जितने भी मंगल और शुभ कार्य हैं, उसका प्रतिनिधित्व भगवान् प्रथम पूजनीय गणेश के सान्निध्य में ही सफल हो पाता हैं। फिर अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता हैं। इस साल सभी 24 चतुर्थी भगवान गणेश को अर्पित है इसमें से चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश को स्थापित किया जाएगा। क्या आप जानते है गणेश उत्‍सव भाद्रपद महीने के शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से ही क्‍यों शुरू होता हैं। आइए जानते है इसके बारे में –

भाद्रपद गणेश चतुर्थी की कहानी

पौराणिक और धार्मिक ग्रंथो के मुताबिक चतुर्थी तिथि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान गणेश का जन्‍म हुआ था इसलिए ये चतुर्थी तिथि गणेश जी को समर्पित हैं। वहीं मान्‍यता है कि भाद्रपद मास की चतुर्थी को ही गणेश जी ने महाभारत को लिखना शुरू किया था। इसलिए गणेश उत्‍सव भाद्रपद गणेश चतुर्थी को ही मनाया जाता हैं।

कहा जाता है कि भाद्रपद मास के शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान शिव ने गणेश जी को पुनर्जीवित किया था। दरअसल शिव जी ने गुस्से में गणेश जी का सिर धड़ से अलग कर दिया था। इसके बाद माता पार्वती के गुस्से को शांत करने के लिए शिव जी ने गणेश जी को हाथी का सिर लगाकर जीवनदान दिया था। इसलिए इसी दिन गणेश उत्‍सव मनाया जाता हैं।

गणेश चतुर्थी 2023

इस साल गणेश उत्सव 19 सितंबर को मनाया जा रहा है और ठीक 10 दिन बाद यानि 28 सितम्बर का इसका समापन होगा। गणपति बप्पा अगले 10 दिनों तक अपने भक्तों के बीच रहकर उनके सारे दुख-दर्द दूर करेंगे और उन्‍हें बुद्धि, धन-समृद्धि और सुख देंगे। वहीं भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने के साथ-साथ भक्त उनके प्रिय मोदक और लड्डुओं का भोग लगाएंगे।