स्वतंत्र समय, भोपाल
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी रणदीप ङ्क्षसह सुरजेवाला ने बुधवार को पत्रकारों से चर्चा में भाजपा सरकार पर निशाना साधा। सुरजेवाला बोले- सत्ता के नशे में मदमस्त भाजपा नेताओं ने आदिवासी समाज के खिलाफ न सिर्फ अमानवीयता की सारी हदें पार की हैं, बल्कि उनकी नरपिशाचिक करतूतों ने पूरे मप्र को शर्मसार कर दिया है। कभी आदिवासी समाज के लोगों को अपमानित करने के लिए सरेआम निर्ममता से उनके ऊपर पेशाब करते हैं और वीडियो बनाकर वायरल कर देते हैं। कभी भाजपा नेता आदिवासी समाज के लोगों को उनके मृत रिश्तेदार के सम्मुख निर्ममता और बर्बरता से सर पर चप्पलों से पीटते हैं।
कभी सरकार विदिशा में आदिवासियों पर गोलियां दागती है और आदिवासी युवक को मौत के घाट उतारती है। कभी कोरोना काल के दौरान शिवराज राज आदिवासी जिलों में ऐसा अनाज बाँटती है, जो जानवरों के खाने लायक भी नहीं। कभी भाजपा सरकार आदिवासी भाईयों के 3 लाख 22 हजार से अधिक वनाधिकार पट्टे निरस्त कर उन्हें दरबदर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ देती है। सुरजेवाला ने कहा मध्य प्रदेश टंट्या भील, भीमा नायक, बादल भोई जैसे सैकड़ों स्वाभिमानी आदिवासी नायकों की पुण्य भूमि है। मध्यप्रदेश के कण-कण में इन नारों की अनुगूंज सुनाई देती है – ”जंगल, जमीन कोन री छे, आमरी छे-आमरी छे”। ”एक तीर, एक कमान – आदिवासी एक समान” । मध्यप्रदेश को यह गौरव हासिल है कि देश के सबसे अधिक आदिवासी समाज के लोग अनादिकाल से यहाँ के मूल निवासी हैं। मगर 18 सालों के राज में वे वीभत्स यातना, अमानवीय प्रताडऩा तथा आत्मा छलनी करने वाले कुकृत्यों के शिकार हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज अपने स्वाभिमान, आत्म सम्मान तथा जल-जंगल-जमीन की लड़ाई लड़ रहा है। इस लड़ाई में कांग्रेस पार्टी दृढ़ता से आदिवासी समाज के साथ खड़ी है। सुरजेवाला ने इस दौरान मीडिया को आदिवासियों पर हुए अत्याचार से संबंधित वीडियो क्लिपिंग भी दिखाई और मामले से संबंधित आंकड़े भी सामने रखे।
यह मामले उठाए
गत सोमवार को दो आदिवासी साथी बरनु गोंड और भोमासिंह अनूपपुर जा रहे थे। एक्सीडेंट के दौरान भोमा सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। अपने साथी की यह हालत देख बरनु गोंड बदहवास होकर सड़क पर साथी की मौत के सदमें में था, तभी वहां से गुजर रहे अनूपपुर के भाजपा मण्डल अध्यक्ष जयगणेश दीक्षित बरनु गोंड को बर्बरता से चप्पलों से पीटने लगा। इसके पूर्व देवास के नेमावर में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या कर जमीन में आठ फीट नीचे उन्हें गाड दिया गया था, परिवार की अकेली लड़की छह माह तक न्याय की गुहार लगाती रही। इंदौर के महू में मार्च 2023 में आदिवासी युवती के साथ गैंगरेप और हत्या का मामला सामने आया था। हरदा में पिता-पुत्र ने एक आदिवासी युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। आरोपियों ने युवक को ट्रैक्टर से बांधकर लाठी और डंडों से इतना पीटा कि उसकी सांसे थम गई। जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था। विदिशा जिले में लटेरी के जंगलों में कुछ लोगों पर वन विभाग के एक दल ने गोलीबारी कर दी, जिसमें 32 वर्षीय एक आदिवासी की मौत हो गई थी और तीन लोग घायल हो गए थे। गुना के बमोरी थाना इलाके के धनोरिया गांव में एक आदिवासी महिला को कुछ लोगों ने जिंदा जलाने की कोशिश की थी, इसमें महिला 70 से 80 फीसदी झुलस गई थी। देवास जिले में आदिवासी महिला की पिटाई के बाद जूतों की माला पहनाकर घुमाया गया था। सिवनी से दो आदिवासियों की हत्या, करीब 15-20 लोगों ने सिमरिया गांव निवासी धनसा इनवाती (52), सागरगांव निवासी संपत बट्टी (35) व ब्रजेश को घेर लिया था और लाठी-डंडों से तीनों की जमकर पीटा था। मंडला में तीन आदिवासियों की हत्या का मामला सामने आया था। जहां, आरोपी महिला का सिर काट ले गए थे। सुरजेवाला ने कहा इन सभी मामलों में आरोपी भाजपा या उससे जुड़े संगठन के कार्यकर्ता हैं।