स्वतंत्र समय, श्रीधाम
विगतदिवस समीपवर्तीधार्मिक स्थल परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर स्थित मेला ग्राउंड में ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर श्रीमद् भागवत महा पुराण कथा सुनते हुए परमाराध्य परमधर्माधीशउत्तराम्नाय ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमपूज्य शंकराचार्य स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराजजी ने अपनी अमृत मय वाणी से धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहाकि श्रीमद् भागवत महापुराण का ग्रन्थ आपके घर पर हो तो आप यदि उसे लाल कपड़े में लपेट कर पूजा घर में रखेंगे और रोज धूप आरती दिखाएंगे तो उस पोथी की पूजा तो हो जाएगी पर उससे जो वास्तविक लाभ होने वाला है वह नहीं होगा,यदि आपको भागवत का वास्तविक लाभ लेना हो तो आपको प्रतिदिन उसका पाठ करना चाहिए,उसमें भगवान् ने क्या कहा है इसे समझकर अपने जीवन में उतारना चाहिए, आपके घर पर चावल की बोरी रखी रहे तो उससे आपकी क्षुधा निवृत्ति नहीं होगी,आपका पेट तब भरेगा जब आप उस बोरी को खोलकर उससे चावल निकाल कर सविधि पकाएंगे और उसका सेवन करेंगे,ठीक ऐसे ही श्रीमद्भागवत का लाभ लेना हो तो उसको पढना समझना आवश्यक है,आगे पूज्य महाराजश्री ने कहाकि ब्राह्मण का शरीर तपस्या,दान और अध्ययन के लिए प्राप्त हुआ है,इसे अन्य वृत्तियों में नहीं लगाना चाहिए,यदि आपात् काल हो तो जीवन रक्षा के लिए कुछ समय के लिए दूसरी कोई वृत्ति स्वीकार की जा सकती है परन्तु स्थिति सुधरने पर पुन:स्ववृत्ति में लग जाना चाहिए हमारे यहाँ भृतकाध्यापन माने धन लेकर पढाना वर्जित है जब शिष्य की शिक्षा पूर्ण हो जाए तो वह गुरुदक्षिणा के रूप में गुरु को कुछ समर्पित करे तो वह स्वीकार हो सकता है परन्तु पहले से शुल्क निश्चित करके अध्यापन करने का निषेध है।
शंकराचार्य सेवा सम्मान से हुए सम्मानित
ब्रह्मचारी ध्यानानंदजी ब्रह्मचारी विमलानंदजी स्वर्गीय महंत बृजेंद्रदास जी,पत्रकार गोविंद केटले,मुलायम राजपूत स्व.श्री अन्नीलालजी उमरे देवीमुडिय़ा नगवारा जयंतीदीदी बसंत पाठक विजयपाठक मुन्ना महाराज झिलीपिली ढाणा सुरेशठाकुर शारदाप्रसाद पाठक, स्व. श्रीअंबिकाप्रसाद दुबे,इनके परिवार जनों को शंकराचार्य सम्मान से सम्मानित किया गया पूज्य शंकराचार्यजी महाराज के प्रवचन के पूर्व मुख्य यजमानों ने व्यासपीठ का पूजनकर पूज्य जगतगुरु शंकराचार्य जी महाराज की पादुकाओ का पूजन कर आशीर्वाद लियाप्रमुख रूप से शंकराचार्यजी महाराज निजीसचिव चातुर्मास्य समारोह समितिअध्यक्ष ब्रह्मचारी सुबुद्धानन्दजी ज्योतिष्पीठ पं. आचार्य रविशंकरशास्त्रीजी ज्योतिषपीठ शास्त्री पं.राजेन्द्र शास्त्री जी दंडीस्वामी श्री अम्बरीशानन्दजी महाराज पं.राजकुमार तिवारीब्रह्मचारी ब्रम्हविध्या नंदजीआदि ने अपनेअपने विचार व्यक्त किए,मंच पर प्रमुख रूप से पूज्यपाद शङ्कराचार्यजी महाराज की पूर्णाभिषिक्त शिष्या साध्वी पूर्णाम्बा एवं साध्वी शारदाम्बा परमहंसी गंगा आश्रम व्यवस्थापक सुंदरपांडे उपस्थित रहे मंच का संयोजन श्री अरविन्द मिश्र एवं संचालन ब्रह्मचारी ब्रम्हविध्यानंदजी,ने किया मंच पर ब्रह्मचारी मुकुंदानंदजी ब्रह्मचारी परमात्मानंदजी आदि ब्रह्मचारी गण उपस्थित रहे कार्यक्रम में मुख्य रूप से पं.आनंदतिवारी अन्नूभैया जगद्गुरु कुलम् संस्कृत विद्यापीठ प्रधानाचार्य पद्मनाभर्ध द्विवेदी उपप्रधानाध्यापक शारदानंद द्विवेदी सोहन तिवारी माधव शर्मा रघुवीरप्रसाद तिवारी राजकुमार तिवारी दीपक शुक्ला अमित तिवारी पुरसोत्तम तिवारी आशीष तिवारी दीपक पांडे नीलमणि पटेल बद्री चौकसे,नारायण गुप्ता जगदीश पटैल कलू पटैल अरविंद पटैल सरपंच श्यामनारायण पटेल सरपंच खुमानसिंह पटेल अजय विश्कर्मा,रामकुमार तिवारी सत्येंद्र मेहरा कपिल नायक सहित श्रीमद भागवत पुराण में बड़ी संख्या में गुरुभक्तों व श्रद्धालु बंधुओ ने उपस्थित होकर कथा का रसपान कर अपने मानव जीवन को धन्य बनाया।