स्वतंत्र समय, संत हिरदाराम नगर।
मध्यप्रदेश के सिंधियों की सामाजिक संस्था प्रांतीय सिंधी महापंचायत ने एक बार फिर दशकों से लंबित प्रदेश के सिंधी विस्थापितों के पट्टा प्रकरणों, कन्वेंयन्स डीड नामांतरण एवं सम्पति से संबंधित मामलों के निराकरण की मांग की है और इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान को पत्र लिखकर बीते आठ साल में की गई घोषणाओं का स्मरण करवाया है। प्रांतीय सिंधी महापंचायत के प्रदेश अध्यक्ष नितेश लाल, प्रदेश महासचिव संजय रोहड़ा एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेश जसवानी ने कहा है कि सनातन हिन्दु धर्म एवं भारत की आजादी की खातिर अपना सब कुछ सिंध प्रदेश में छोड़कर यहां आने पर भारत सरकार के पुर्नवास विभाग ने मध्यप्रदेश के विभिन्न इलाकों खासतौर पर संत हिरदाराम नगर, कटनी, दमोह, सतना, रीवा, सागर इंदौर, देवास, उज्जैन, शहडोल, बालाघाट सहित अन्य जगहों पर क्लेम के रूप में जो दुकान, मकान एवं प्लाट आवंटित किए थे, 30 साल की लीज या तो खत्म हो चुकी है, अथवा पट्टे आज तक जारी ही नहीं हुए हैं। इस तरह बुरहानपुर के सिंधी परिवारों के दुकानों का मामला भी कई सालों से लंबित है। उन्होंने सीएम से चुनाव से पहले इन सभी का निराकरण करने की मांग की है।
संत नगर के 3 हजार प्रकरण लंबित
प्रांतीय सिंधी महापंचायत पदाधिकारियों ने कहा है कि अकेले राजधानी भोपाल के संत हिरदाराम नगर में तीन हजार से अधिक पट्टा एवं कन्वेयन्स डीड नामांतरण प्रकरण लंबित हैं, जिनमें वन ट्री हिल्स के 500 भूखण्डों के मामले भी शामिल हैं, जिनकी लीज अवधि 2018 में खत्म हो जाने के बाद भी नवीनीकरण नहीं किया जा रहा है, जबकि लीज नवीनीकरण, पुर्नवास विभाग की जमीनों को राजस्व में इन्द्राज किए जाने के शासन के स्पष्ट आदेश व निर्देश हैं। लेकिन समस्या का निराकरण न होने से सिंधी विस्थापितों को अपनी सम्पति की खरीद फरोख्त में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।