स्वतंत्र समय, पांढुर्णा
जहां एक और प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान लाडली बहन योजना को पायलट स्कीम के तहत संपूर्ण प्रदेश में चलाकर बहनों को राहत देने में लगे हुए है। खातों में नगद राशि के अलावा पक्के मकान और गैस सिलेंडर तक छूट के साथ 450 रुपए में उपलब्ध करा रहे हैं। लेकिन पांढुर्ना में बैठे नाहर एलाइड एचपी गैस एजेंसी के संचालक जैसे कुछ लोग शिवराज मामा की इस योजना को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। हमेशा ही चर्चाओं में रहने वाली नाहर गैस एजेंसी ने मामा शिवराज की लाडली बहनों से अवैध रूप से राशि केवाईसी और कनेक्शन ट्रांसफर करने के नाम पर खुलेआम वसूलने का आरोप लग रहा है। तब तक केवल उपभोक्ताओं को गैस वितरण के दौरान परेशान करना, समय पर सिलेंडर उपलब्ध ना करना, अपनी तय एजेंसी क्षेत्र के अलावा दूसरे ग्रामों में नियम विपरीत तरीके से सिलेंडर पहुंचाना जैसी छोटी-मोटी शिकायते तो होती रही है। लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई इस योजना में वरिष्ठ भाजपाइयों से वसूली करके गैस एजेंसी संचालक ने सारी हदें पार कर दी है।
भाजपा नगर मंडल के प्रवक्ता गणेश उर्फ बापू बालपांडे ने कल एचपी गैस एजेंसी संचालक पर गंभीर आरोप लगाते हुए लाडली बहना योजना के तहत सब्सिडी युक्त सिलेंडर देने हेतु दस्तावेजों में सुधार करने (केवायसी) व कार्ड दूसरे के नाम पर ट्रांसफर करने की येवज में 850 रुपए से लेकर 900 रुपए लेने का गंभीर आरोप लगाया। बापू बालपांडे ने बताया कि उन्हें लगातार जानकारी मिल रही थी की लाडली बहनों से अवैध रूप से वसूली उक्त एजेंसी संचालक के द्वारा की जा रही है लेकिन उन्हें विश्वास उस समय हुआ जब वह अपनी पत्नी भारती बालपांडे के नाम पर कनेक्शन के दस्तावेजों में संशोधन करने के बिना रसीद 850 रुपए ले लिए।
कई शिकायतकर्ता आए आमने
इस घटना की शिकायत बापू बल पांडे ने उच्च अधिकारियों और स्थानीय अधिकारियों को करने के बाद स्थानीय खाद्य आपूर्ति अधिकारी जितेंद्र शिल्पी एचपी गैस एजेंसी में पहुंचे और प्रार्थी के कथन दर्ज किये। इस दौरान तिगांव निवासी जितेंद्र शेंडे ने बताया की संजय शेंडे की मृत्यु के बाद छाया शेंडे के नाम पर कनेक्शन ट्रांसफर करने के लिए 22 तारीख को 850 रुपए परिवार के सदस्य जितेंद्र शेंडे से लिए। इनके भी कथन खाद्य अधिकारी ने दर्ज किए। इस दौरान एक और महिला बेबी बागड़े निवासी जवाहर वार्ड ने भी अपने कथन में बताया की उससे भी केवायसी करने के 900 रुपए ले लिए। एजेंसी में मौजूद कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई इस दौरान कर्मचारियों ने शिकायतकर्ताओ के आरोपो को सही बताया और पंचनामे के दौरान अधिकारी के समक्ष और मीडिया के सामने प्रार्थियों से ली गई राशि लौटाया।