स्वतंत्र समय, सागर।
वेतनवृद्धि के एरियर और सातवें वेतनमान के निर्धारण करने के एवज में रिश्वत लेने वाले सहायक ग्रेड-तीन आरोपी सुरेन्द्र सिंह को विशेष न्यायाधीश आलोक मिश्रा की न्यायालय ने दोषी पाते हुए 4 वर्ष के सश्रम कारावास और दस हजार रुपए जुर्माने की सजा से दंडित किया है। शासन की ओर से प्रकरण में पैरवी प्रभारी उपसंचालक अभियोजन धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी लक्ष्मी प्रसाद कुर्मी ने की। अभियोजन से प्राप्त जानकारी के अनुसार 6 मई 2019 को आवेदक छात्रावास अधीक्षक बीना सतीश गोलंदाज ने पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्त कार्यालय सागर में लिखित शिकायत की थी कि उसकी वार्षिक वेतनवृद्धि 1 जुलाई 2018 को लगनी थी जो कि 9 माह बाद मार्च 2019 में लगाई गई। उक्त वेतनवृद्धि के एरियर और सातवें वेतनमान का निर्धारण करने के लिए आरोपी सुरेंद्र सिंह ने 10 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की है। शिकायत पर लोकायुक्त की टीम ने जांच शुरू की। शिकायत सही पाए जाने पर लोकायुक्त की टीम कार्रवाई के लिए रवाना हुई। टीम ने शिकायतकर्ता को तैयार कर रिश्वत की राशि लेकर भेजा। जहां शिकायतकर्ता ने रिश्वत के 10 हजार रुपए आरोपी सुरेंद्र सिंह को दी और लोकायुक्त टीम को इशारा किया। इशारा मिलते ही लोकायुक्त की टीम ने दबिश दी और सुरेंद्र सिंह को रंगेहाथ पकड़ लिया। रिश्वत की राशि पेंट की जेब से बरामद की। मामले में लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया और जांच में लिया।