- प्रदेश में अब हुए 55 जिले, अस्तित्व में आया पांढुर्णा और मैहर जिला
- प्रदेश में नागदा को जिला बनाने को लेकर अंतिम निर्णय बाकी
- देर रात शिवराज कैबिनेट ने गठन को दी स्वीकृति, सुबह जारी हुई अधिसूचना
स्वतंत्र समय, भोपाल
दो चार दिन मप्र विधानसभा चुनाव की आचारसंहिता लगने के डर से सरकार पितृपक्ष में भी नए निर्माण का भूमिपूजन और शिलान्यास करने से भी नहीं चूक रही है। उसी तरह आचार संहिता लागू होने से पहले शिवराज सरकार ने अपनी घोषणा को पूरा करते हुए दो नए जिले पांढुर्णा और मैहर का गठन कर दिया। बुधवार देर रात निर्णय होने के बाद गुरुवार को सुबह अनानफानन में अधिसूचना भी जारी कर दी। इससे दोनों जिले अस्तित्व में आ गए। अब प्रदेश में 55 जिले हो गए हैं, नागदा पर अभी अंतिम निर्णय होना बाकी है। गौरतलब है कि पांढुर्णा और मैहर जिले के गठन को शिवराज सरकार को बड़ा सियासी कदम माना जा रहा है। छिंदवाड़ा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का गढ़ है और जिले की सभी सात विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है।
विंध्य में प्रदर्शन सुधारने का प्रयास
विंध्य क्षेत्र में 15 अगस्त के एक दिन पहले मऊगंज के बाद सरकार ने मैहर जिला गठित किया है। विंध्य में भाजपा ने 2018 के विधानसभा चुनाव में 23 सीटें जीती थीं। कांग्रेस यहां अपना प्रदर्शन सुधारने के लिए बीते तीन वर्ष से प्रयास कर रही है। वहीं भाजपा 2018 के चुनाव जैसा प्रदर्शन बरकरार रखना चाहती है, इसलिए पार्टी और सरकार ने दो महीने पहले विंध्य के कद्दावर नेता और विधायक राजेंद्र शुक्ल को मंत्री बनाकर ब्राम्हण समाज और विंध्य क्षेत्र को अपने पक्ष में करने के लिए बड़ा संदेश देकर अपने पक्ष में बरकरार रखना चाहती है।
केवल छिंदवाड़ा लोकसभा सीट कांग्रेस के पास
29 लोकसभा सीटों में से केवल छिंदवाड़ा ही कांग्रेस के पास है और कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ सांसद हैं। नगर निगम और जिला पंचायत अध्यक्ष भी कांग्रेस से हैं। भाजपा कांग्रेस के इस गढ़ को भेदने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। इसी कड़ी में छिंदवाड़ा जिले को विभाजित कर पांढुर्णा जिला बनाया गया है।
एक-दो दिन में लागू हो सकती है विस चुनाव की आचार संहिता
मध्य प्रदेश में नवंबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव की घोषणा एक-दो दिन में हो सकती है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने इसकी सभी तैयारियां कर ली हैं। उधर, सरकार ने भी बुधवार देर रात कैबिनेट बैठक करके सभी महत्वपूर्ण प्रस्तावों को स्वीकृति दे दी। चुनाव की घोषणा की संभावनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शासकीय कार्यक्रम भी शुक्रवार तक के ही लिए निर्धारित किए गए हैं।
पिछली बार 6 अक्टूबर को हुई थी घोषणा
वर्ष 2018 में छह अक्टूबर को चुनाव की घोषणा की गई थी। इस बार भी स्थिति यही बन रही है कि दो-तीन दिन में चुनाव की घोषणा की जा सकती है। इसके लिए निर्वाचन आयोग की पूरी टीम मध्य प्रदेश का दौरा करके फीडबैक ले चुकी है। बुधवार को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन भी हो गया है।
कभी भी हो सकती है घोषणा
मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि अब कभी भी चुनाव की घोषणा हो सकती है। इसे ध्यान में रखते ही मुख्यमंत्री के कार्यक्रम बनाए गए हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री प्रदेश की विभिन्न विकास परियोजनाओं को वर्चुअली लोकार्पण और भूमिपूजन करेंगे। शनिवार के लिए अभी कोई शासकीय कार्यक्रम नहीं बनाया गया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन का कहना है कि चुनाव को लेकर हमारी सभी तैयारियां हो चुकी हैं। मतदान दल के गठन, सेक्टर अधिकारियों की नियुक्ति, संवेदनशील केंद्रों का चिन्हांकन, कर्मचारियों के प्रशिक्षण सहित अन्य कार्य प्रस्तावित कार्ययोजना के अनुसार हो रहे है।