स्वतंत्र समय, बैतूल
ताप्ती नदी पर ब्रिज बनाने की मांग को लेकर शुक्रवार को धामनिया पंचायत के सैकड़ों आदिवासी ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया। आदिवासी कोरकू संघर्षशील समाज संगठन के बैनर युवाओं, ग्रामीण एवं महिलाओं ने रैली निकालकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया।
कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि भीमपुर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली धामनिया पंचायत एवं चुनालोहमा पंचायत के पिपरिया गांव की सीमा को अलग करने वाली नदी ताप्ती पर ब्रिज को लेकर 15 सालों से लगातार मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हमें इस मार्ग से बैतूल या खेड़ी आवागमन के लिए सीधा रास्ता पड़ता है, वर्षा ऋतु के मौसम में 4 से 6 महीने तक ताप्ती में ब्रिज नहीं होने और बाढ़ की स्थिति में हम आर पार नहीं जा सकते, इस मार्ग से लगभग 50 से 60 गांवों के ग्रामीणों को आवागमन की असुविधा हो रही हैं। कई बार क्षेत्र के विधायक को भी सूचित किया गया है, उसके बावजूद भी जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों की परेशानियों को दूर करने कोई जहमत नहीं उठाई। बारीश के मौसम में नदी में बाढ़ होने की स्थिति में ग्रामीणों को कई क्षेत्रों में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिला प्रशासन और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण ग्रामीण आजादी के 75 वर्षों बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।
इन समस्याओं से भी जूझ रहे ग्रामीण
स्वास्थ्य केंद्र ना होने की स्थिति में प्राइवेट डॉक्टरों से इलाज मजबूरी में करना पड़ता है। बरेठा धामनिया और कासिया, डोक्या के बीच कच्ची सडक़ के कारण बरसात होने की स्थिति में आवागमन प्रतिबंध हो जाता है। धामनिया पंचायत के अंतर्गत आमढाना और घाना रायपुर गांव को ताप्ती नदी पर ब्रिज ना होने की वजह से पंचायत संबंधी कार्य के लिए तीन से साढ़े तीन महीने तक परेशानी का सामना करना पड़ता है। बैंक की शाखा नहीं होने से मजबूरी में बारिश के दिनों में जान जोखिम में डालकर नदी पार कर जाना पड़ता है।