स्वतंत्र समय, भोपाल
मप्र विधानसभा चुनाव की आचारसंहिता के लगने की सुगबुगाहट के चलते मप्र शासन ने तहसीलदारों को कनिष्ठ श्रेणी के पद का प्रभार देकर उन्हें डिप्टी कलेक्टर की जिम्मेदारी सौंप दी है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस आशय के आदेश शुक्रवार को जारी किये हैं। आदेश में 26 तहसीलदारों के नाम हैं, जिन्हें प्रभारी डिप्टी कलेक्टर बनाया है। सामान्य प्रशासन द्वारा जारी किए आदेश में 12 शर्तें दी गई हैं, जिसमें प्रभारी डिप्टी कलेक्टर की जिम्मेदारियां, उसे मिलने वाली सुविधाएं और अधिकारों की जानकारी दी गई है, जो कोई इन शर्तों पर सहमति नहीं रखता अर्थात जो तहसीलदार प्रभारी डिप्टी कलेक्टर की जिम्मेदारी नहीं उठाना चाहता तो उसे कार्यालय एवं विभाग प्रमुख के माध्यम से सामान्य प्रशासन विभाग कार्मिक शाखा को सूचित करना होगा।
नहीं मिलेगा अलग से कोई भत्ता
प्रभारी डिप्टी कलेक्टर को अलग से कोई भत्ता नहीं मिलेगा, उसे तहसीलदार पद के समय मिल रहे भत्ते प्राप्त करने की ही पात्रता होगी, उसे राज्य प्रशासनिक सेवा के वेतनमान और क्रमोन्नति की पात्रता नहीं होगी, प्रभार में वे निचले पद जैसे तहसीलदार और अधीक्षक भू अभिलेख के पद पर कार्य नहीं कर सकेंगे।
प्रभारी डिप्टी कलेक्टर को दंड का अधिकार
उसे जो जिम्मेदारी कलेक्टर सौंपेंगे उस पद के अधीन अधिकार उसे प्राप्त होंगे, नियमित डिप्टी कलेक्टर के पद नियुक्ति के समय प्रभार वाली सेवा अवधि मान्य नहीं होगी, पदोन्नति के लिए भी प्रभार की सेवा अवधि विचार योग्य नहीं होगी, प्रभारी डिप्टी कलेक्टर को दंड देने, विभागीय जांच करने, वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन के मूल्यांकन की प्रक्रिया वही होगी जो डिप्टी कलेक्टर के लिए होती है।