17 करोड़ खर्च करने के बाद भी नगर परिषद वासी दूषित पानी पीने को मजबूर

स्वतंत्र समय, औबेदुल्लागंज

नगर परिषद की लगभग 40 हजार की आबादी जिस फिल्टर प्लांट का पानी पी रही है, देखकर ऐसा लग रहा है उस टैंक की सफाई पिछले कई साल से नहीं हुई है। स्थिति यह है कि पानी के टैंक में काई की  परत जमी हुई है। इसके अलावा फिल्टर प्लांट में वाटर टेस्टिंग लैब भी नहीं है। यहां पर पानी की बिना शुद्धता जांचे सुबह-शाम सप्लाई किया जा रहा है। सबसे अहम बात यह है कि इस संबंध में नगर परिषद जनप्रतिनिधि और आलाधिकारियों को जानकारी है। उसके बाद भी वे व्यवस्था सुधारने का कोई प्रयास करते नजर नहीं आ रहे हैं। वहीं सूत्रों की माने तो इस फिल्टर प्लांट पर मेंटेनेंस के नाम पर लाखों का घपला हुआ है

गौरतलब है कि दाहोद डैम पर बने पानी शुद्धिकरण सम्मेल  सन 20/16/17 से नगर के सभी 15 वार्ड में सुबह-शाम नियमित शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए शासन की मदद से नगर परिषद ओबेदुल्लागंज द्वारा फिल्टर प्लांट लगाया गया था। लेकिन समय के साथ नपा अधिकारियों जनप्रतिनिधि ने इस पर अधिक ध्यान देना बंद कर दिया। इस कारण से इस प्लांट की पिछले कई साल से सफाई नहीं कराई गई। ऐसी स्थिति में स्थानीय लोग गंदा पानी पी रहे हैं। गंदे पानी की लगातार शिकायत मिलने पर शुक्रवार को  संवाददाता ने फिल्टर प्लांट की जांच की। प्लांट के टैंक में तालाब का पानी जमा होता है। सूत्रों की माने तो इस टैंक की सफाई पिछले कई साल  से नहीं हुई न पानी शुद्ध करने के लिए दवाइयां भी नहीं डाली जा रही है । वहीं पानी से गंदगी साफ करने वाली मशीन भी कुछ अच्छी हालत में नहीं है। इससे पूरा टैंक कई और गंदगी से पटा हुआ है। वहीं नगरवासी इसी टैंक का पानी पीने को मजबूर हैं। प्लांट के कर्मचारियों का कहना है कि इसकी इसकी नियमित सफाई की जाती है लेकिन देखने पर ऐसा नहीं लगा  सफाई की जाती होगी। अगर सफाई नियमित की जाति होती तो  काई और गंदगी कैसे जम गई। यह जांच का विषय है।

इनका कहना है

इस विषय में आपके द्वारा मुझे सूचना प्राप्त हुई है जल्द ही इसका अवलोकन कर संबंधित अधिकारियों को व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए जाएंगे।

-चंद्रशेखर श्रीवास्तव, एसडीएम