मप्र में 18 साल भाजपा की नाकामी के साल: सुरेन्द्र राजपूत

  • कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने पत्रकार वार्ता में कहा – भर्ती के अभाव में ओवर एज हो रहे हैं युवा
  • 18 साल में स्कूलों में बच्चियों के लिए टॉयलेट तक नहीं बनवा सकी भाजपा

स्वतंत्र समय, भोपाल

अब शिवराज सरकार ने नौकरी तो दूर, मध्य प्रदेश के युवाओं से डिग्री और भर्ती की उम्मीदों को भी छीन लिया, 5 साल से दरोगा बनने का सपना लिए दिनरात मेहनत और तैयारी में जुटे प्रदेश के नौजवानों की ‘उम्र’ निकलती जा रही है। वे ओवरएज हो रहे हैं। मगर ‘सब इंस्पेक्टर’ की एक भी भर्ती नहीं निकली। निराशा में प्रदेश के युवा अब परीक्षा की तैयारी करना ही छोड़ चुके हैं। यह आरोप कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुरेन्द्र राजपूत ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये लगाए।   राजपूत ने कहा कि शिवराज सरकार ने विधानसभा में स्वीकार किया है कि 39 लाख पंजीकृत बेरोजगारों में से केवल 21 युवाओं को नौकरी दी गई है। जबकि मामाजी ने 15 अगस्त 2023 तक एक लाख नौकरियों का झूठा झुनझुना युवाओं को थमाया है। अब मामा युवाओं के रोजगार की बात नहीं कर रहे हैं। जबकि युवाओं के भविष्य को छीनने वाले घोटाले हर दिन उजागर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे छात्रों की 4 साल में पूरी होने वाली डिग्री के लिए, अभी पहले साल की ही परीक्षा नहीं हुई। चार साल से ‘फर्स्ट ईयर’ में ही अटके छात्रों पर, हर साल लाखों के खर्च का बोझ। तैयारी के लिए पैसों का अभाव, घर वालों का दबाव और अंधकार में जाते भविष्य की चिंता प्रदेश के युवाओं को खाए जा रही है। मगर मध्य प्रदेश के नौजवानों के सपनों को बस ‘झूठा, धोखे और अत्याचार’ से कुचलने वाली शिवराज सरकार को रत्ती भर भी परवाह नहीं। मामा यह घोटाला किसकी शह पर हो रहा है।

36,498 स्कूलों में बिजली नहीं, 1498 में क्लासरूम नहीं, 22,361 में कम क्षतिग्रस्त क्लासरूम, 19,465 में अधिक क्षतिग्रस्त क्लासरूम, 11,409 में बदहाल टॉयलेट, 3127 में बच्चों के लिए टॉयलेट नहीं, 2022 में लड़कियों के लिए अलग से टॉयलेट नहीं, 1520 में पीने के पानी का अभाव, 20,608 में हैंडवॉश यूनिट नहीं बने, 34,553 में तो हैंडवॉश ही नहीं है, 7,634 में लाइब्रेरी नहीं, 32,541 में खेल मैदान नहीं, 93,166 में दिव्यांग लडक़ों के लिए टॉयलेट नहीं, 94,238 में दिव्यांग लड़कियों के लिए टॉयलेट नहीं, 14,130 में दिव्यांग बच्चों के लिए रैंप नहीं, 50,855 में दिव्यांग बच्चों के लिए हेंडरेल वाले रैंप नहीं, 91,846 में रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं, 87,868 में किचन गार्डन नहीं, 95,102 में विज्ञान प्रयोगशाला नहीं है।

एक फिजियोथैरेपिस्ट के हवाले हमीदिया अस्पताल

राजपूत ने कहा कि मध्यप्रदेश के हमीदिया जैसे प्रतिष्ठित अस्पताल में पिछले 15 साल से सिर्फ एक फिजियोथैरेपिस्ट है। जबकि हमीदिया अस्पताल में 9 से ज्यादा विभागों में फीजियोथैरेपिस्ट की जरूरत होती है। आपके आश्वासन के बावजूद भी फीजियोथैरिपि का डिपार्टमेंट अब तक नहीं खोला गया। सीएम राईज स्कूलों में बच्चों को पढ़ाया नहीं जाता, बल्कि उनसे झाडू और पोंछा लगवाया जाता है। क्या मामा अपने भांजे-भांजियों को पढाई की जगह झाडू पोंछा लगाने का प्रक्षिक्षण दे रहे हैं। मप्र में तो पांच-पांच हजार रूपये में इंजीनियर डिप्लोमा परीक्षा के पेपर बिक रहे हैं और पेपर लीक माफिया उन सवालों के आने की 100 प्रतिशत गारंटी दे रहे हैं। मप्र स्कूल शिक्षा विभाग के प्रदेश के 98,663 प्राइमरी और मिडिल स्कूलों की रिपोर्ट आई है। रिपोर्ट में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। हालात ऐसे हैं कि 2,762 गर्ल्स स्कूल में टॉयलेट उपयोग करने लायक नहीं हैं। लड़कियों को बीच में ही पढाई छोडऩी पड़ती है।