स्वतंत्र समय, बरेली
भले ही म.प्र. विधानसभा चुनावों की घोषणा नहीं हुई है, परंतु भाजपा की घोषित दूसरी सूची में उदयपुरा बरेली विधानसभा से युवा नया चेहरा नरेन्द्र शिवाजी पटैल को उम्मीदवार घोषित कर भाजपा ने बढत बना ली है। वही कांग्रेस से कौन उम्मीदवार होगा अटकलो का दौर जारी है। वर्तमान में कांग्रेस के देवेन्द्र पटैल विधायक है। पिछले 3-4 दिनों से उदयपुरा-बरेली विधानसभा से पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के साथ संजय मसानी, रजकुमार पटैल के उम्मीदवार होने की व्यापक चर्चा बनी हुई है। पूर्व में दो ही नामों की चर्चा थी, वर्तमान विधायक देवेन्द्र पटैल और संजय मसानी में से कोई एक उम्मीदवार हो सकता है। अब दो नाम और जुड जाने से कांग्रेस नेतृत्व किसे उम्मीदवार बनाता है। आम लोगो के साथ कांग्रेसी नेताओं, कार्यकर्ताओं में व्यापक चर्चाओं का विषय बना हुआ है।
विधायक के बाद हार गए चुनाव – उदयपुरा, बरेली विधानसभा कभी भी एक पार्टी के वर्चस्व वाली नहीं रही। 2008 के चुनावों में कांग्रेस के भगवान सिंह राजपूत चुनाव जीत कर विधायक चुने गए। उस समय प्रदेश में भाजपा की सरकार और शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री थे।, 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के भगवान सिंह राजपूत और भाजपा के रामकिशन पटैल के बीच मुकाबला हुआ। भाजपा के रामकिशन पटैल 44 हजार मतो के भारी अंतर से चुनाव जीतने और विधायक बनने में सफल हुए। 2018 के चुनाव में भाजपा के रामकिशन पटैल् और कांग्रेस के देवेन्द्र पटैल के बीच संघर्षपूर्ण मुकाबला हुआ, जिसमें देवेन्द्र पटैल 8 हजार मतो से चुनाव जीतने में सफल रहे। देवेन्द्र पटैल विधायक के विरूद्ध रामकिशन पटैल द्वारा चुनाव याचिका भी दायक की गई थी। जो विधायक चुना गया वह दूसरी बार चुनाव लडा तो चुनाव जीतने में सफल न होने की बनी परंपरा के कारण शायद कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व पशोपेश में बना हुआ है। क्या कांग्रेस से नया चेहरा सामने आएगा व्यापक चर्चाओं का विषय बना हुआ है। कांग्रेस की सूची घोषित न होने से और अधिक समय बनता नजर आ रहा है।
संभावितों की बढ़ी संख्या
कांग्रेस से देवेन्द्र पटैल विधायक है। उनका उम्मीदवारी पर पहला हक है। इसी के साथ प्रदेशाध्यक्ष पूर्व सीएम कमलनाथ के खासमखास संजय मसानी भी पिछले अनेक महिनों से संपूर्ण क्षैत्र में सक्रिय होकर दौरा कर रहे है। चर्चा कि उन्होंने बरेली, उदयपुरा में चुनावों को दृष्टिगत रखते हुए मकान भी किराये पर ले लिए है। पिछले 2-3 दिनों से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के साथ पूर्व मंत्री राजकुमार पटैल के नामों की उम्मीदवारी को लेकर व्यापक चर्चाए बनी हुई है। प्रदेश और विधानसभा क्षैत्र में कांटे का चुनावी संघर्ष तय माना जा रहा है। कांग्रेस का नेतृत्व विधायक देवेन्द्र पटैल पर ही विश्वास कर दांव लगाता है। या भाजपा की तरह नया चेहरा सामने आएगा यह तो कांग्रेस प्रत्याशियों की अधिकृत सूची सामने आने पर ही मालूम होगा परंतु उम्मीदवारों के नामों की व्यापक चर्चाओं कयासों से अर्थ निकालने लोग सक्रिय बने हुए है।