स्वतंत्र समय, सागर
जिला कांग्रेस कमेटी शहर द्वारा पंडित मोतीलाल नेहरू स्कूल को व्यवसायिक कांम्प्लेक्स बनाए जाने के विरोध में बुधवार को कलेक्टर को ज्ञापन दिया।ज्ञापन में बताया कि सागर के साथ नगर निगम के द्वारा किए जा रहे अन्याय पूर्ण निर्णय के विरोध में व्यवसायिक परिसर बनाए जाने से रोका जाए।आचार संहिता लगने के पश्चात इस पर निर्माण कार्य आरंभ किया गया है, इसका हम विरोध करते हैं। यदि इसे नहीं रोका गया तो हम क्रमश:तीव्र आंदोलन एवं आमरण अनशन के लिए बाध्य होंगे इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
ज्ञापन में कहा गया है कि नगर निगम सागर शहर की ऐतिहासिक धरोहरों को समाप्त करने की लगातार साजिश रच रही है इसी तारतम्य में पंडित मोतीलाल नेहरू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जो की माध्यमिक शाला शासकीय है एवं हायर सेकेंडरी नगर निगम द्वारा संचालित है इसे समाप्त करने की साजिश नगर निगम द्वारा की जा रही है विगत 30 वर्षों में नगर निगम के अंतर्गत आने वाली सभी स्कूलों को तिल तिल करके मारा है क्योंकि नगर निगम इनकी कमर्शियल उपयोग करने की मंशा रखते हैं यदि नगर निगम चाहती तो सीएमराइस की तर्ज पर म्युनिसिपल स्कूल को आवाद किया जा सकता था। मोतीलाल नेहरू स्कूल मैं व्यवसायिक परिसर बनाने का काम जोकि आचार संहिता लगने के बाद आनन फ ानन लगाया गया है यह आचार संहिता का खुला उल्लंघन है। इसपर तत्काल रोक लगाए जाने का अनुरोध है। यह सागर की ऐतिहासिक धरोहर है जिसमें सागर के देव तुल्य पितृ पुरुष डॉ हरिसिंह गौर एवं मध्य प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल ने यहां प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की थी। यहां स्वाधीनता का अंतिम आंदोलन भारत छोड़ो, करो या मरो आंदोलन का शंखनाद किया गया था। जिसका नेतृत्व महान स्वाधीनता संग्राम सेनानीगण पंडित ज्वाला प्रसाद ज्योतिषी,रामनाथ पुरोहित, पदम नाथ तैलंग,राम नारायण सरवैया, दयालचंद्र जैन आदि ने किया था।यहां से स्वाधीनता संग्राम की गतिविधियां संचालित की जाती थी। इसी शाला से सागर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं पूर्व विधायक शिवकुमार श्रीवास्तव, पूर्व सांसद दादा डालचंद जैन, पूर्व विधायक मंत्री वल्लभाई पटेल, वरिष्ठ पत्रकार भोलाराम भारतीय,भवन भूषण देवलिया, मदन सिंह तोमर, राजेश शास्त्री, राजेश सिरोठिया, पूर्व विधायक अरविंद भाई पटेल, उत्तम चंद्र खटीक, पूर्व महापौर हुकुमचंद चौधरी आदि ने शिक्षा ग्रहण की थी। लगे हुए 6 वार्डों में अन्य कोई खेल मैदान नहीं है, जिससे इस बड़े भूभाग के नोनीहाल बच्चों की भविष्य के लिए समाप्त करना मानवीय तौर पर अन्याय होगा।
यह मैदान सडक़ वाले लंबरदार महाराष्ट्रीयन ने दान पत्र के द्वारा दिया था, जिसमें जिसमें इसे सिर्फ खेल मैदान के लिए उपयोग करने के लिए दिया गया था, जिसका अन्यत्र कोई उपयोग नहीं किया जा सकता है।महोदय यह दान की मंशा के विपरीत काम है। यहां सागर जिले का एकमात्र सर्वाधिक प्राचीन वॉलीबॉल ग्राउंड है, जो लगभग डेढ़ सौ वर्ष पुराना है, ऊपर वाली बिल्डिंग भी सवा सौ वर्ष से अधिक प्राचीन है।नीचे की बिल्डिंग भी 100 वर्ष से अधिक पूर्व कर चुकी है। इस नाते यह पुरातात्विक धरोहर की श्रेणी में आती है। ज्ञापन देने बालो में पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुदेश जैन गुड्डू , जगदीश यादव,पूर्व विधायक सुनील जैन, आशीष ज्योतिषी, प्रभात जैन, प्रदीप पाण्डेय, शिवराज लडिय़ा, महेश अहिरवार, वसीम खान, संजय रैकवार आदि शामिल है।