स्वतंत्र समय, भोपाल
सूचना आयोग में आयुक्त के नौ पद खाली हैं। आयुक्त की कमी के कारण अपील के लंबित मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब यह स्थिति अगले साल तक बनी रहेगी। क्योंकि प्रदेश में सूचना आयोग में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति अब नई सरकार में होगी।
गौरतलब है कि सूचना आयुक्तों की नियुक्ति का ध्यान राज्य शासन को पिछले सप्ताह आया और उसने तुरत-फुरत 9 अक्टूबर को बैठक बुला ली। सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए राज्य शासन की कार्रवाई पर नेता प्रतिपक्ष ने आपत्ति दर्ज कराई, क्योंकि वे विधानसभा चुनाव नजदीक होने की वजह से अपने विधानसभा क्षेत्र में थे। 8 अक्टूबर की रात को उन्होंने राज्य शासन को बैठक तीन दिन के लिए आगे बढ़ाने की बात कही थी और बैठक होने की स्थिति में उसके खिलाफ हाईकोर्ट जाने की चेतावनी दी थी। मगर 9 अक्टूबर को सुबह तक राज्य शासन का कोई जवाब नहीं मिला तो फिर सुबह आठ बजकर 40 मिनिट पर वीडियो संदेश के माध्यम से अपनी चेतावनी दोहराई और अदालत में जाने की चेतावनी दी। इसके बाद सूचना आयुक्त की नियुक्ति के लिए होने वाली बैठक टाल दी गई।
गौरतलब है कि राज्य सूचना आयोग में 10 आयुक्त और एक मुख्य सूचना आयुक्त का सेटअप है। मौजूदा स्थिति में राज्य सूचना आयुक्तों की संख्या घटते-घटते एक रह गई है। सूचना आयोग में छह अक्टूबर को सूचना आयुक्त विजयमनोहर तिवारी का कार्यकाल समाप्त हो गया है। अब आयोग में केवल मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला के साथ केवल एक सूचना आयुक्त राहुल सिंह हैं जबकि यहां मुख्य सूचना आयुक्त के साथ दस सूचना आयुक्त होना चाहिए। हालांकि दस सूचना आयुक्तों के पदों को कभी एकसाथ नहीं भरा गया है।
नेता प्रतिपक्ष की चेतावनी के बाद टली बैठक
सूचना आयुक्तों की नियुक्ति में मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में एक मंत्री बैठक करते हैं और नामों पर विचार कर नियुक्ति का फैसला करते हैं। मगर सूत्र बताते हैं कि नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह को सूचना आयुक्त नियुक्ति की बैठक के लिए 8 अक्टूबर को सूचना दी गई और 9 अक्टूबर को बैठक का बताया गया तो उन्होंने चुनाव में क्षेत्र में व्यस्तता व पर्याप्त समयावधि पूर्व सूचना नहीं मिलने पर नाराजगी जताई थी। साथ ही बैठक का एजेंडा भी राज्य शासन ने उपलब्ध नहीं कराया जिससे बैठक में किन किन नामों पर विचार किया जा रहा है, उसके बारे में जानकारी तक नहीं दी गई। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने 3 दिन पहले सूचना नहीं दिए जाने और एजेंडा भी नहीं भेजे जाने पर चेतावनी दी थी। सिंह ने कहा कि यदि नियुक्ति होती है तो हाईकोर्ट में मामला उठाया जाएगा। आखिरकार सुबह 9 बजे होने वाली बैठक को टल दिया गया है।
दो साल में चार पद खाली
आयोग में पिछले दो साल में चार आयुक्तों के पद खाली हुए हैं। इनमें रिटायर आइएएस डीपी अहिरवार, राजकुमार माथुर, रिटायर आइपीएस सुरेन्द्र सिंह, रिटायर आइएफएस गोल्ला कृष्णमूर्ति शामिल हैं। ये सभी सूचना आयुक्तों का कार्यकाल वर्ष 2021 में पूरा हुआ। अरुण कुमार पाण्डेय का कार्यकाल बीते 20 जुलाई को पूरा हो गया। वहीं छह अक्टूबर को सूचना आयुक्त विजयमनोहर तिवारी का कार्यकाल समाप्त हो गया है। सूचना आयुक्तों में संभाग स्तर पर काम-काज की जिम्मेदारी की व्यवस्था है। अब सिर्फ एक आयुक्त राहुल सिंह ही कार्यरत हैं।
दो साल से चल रही नियुक्ति प्रक्रिया
मप्र राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त के अलावा आयुक्तों के 10 पद हैं, जिनमें से अब 9 खाली हैं। दो साल से सूचना आयुक्तों की नियुक्ति प्रकिया चल रही है। नवंबर 2021 में सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए आवेदन बुलाए थे। 121 दावेदारों ने आवेदन किए। इनमें रिटायर्ड आईएएस, आईपीएस, कई रिटायर्ड जज से लेकर पत्रकार भी शामिल हैं। लेकिन आवेदन जमा होने के पूरे ड़ेढ साल बाद भी कोई नई नियुक्ति नहीं हो सकी है। राज्य सूचना आयोग के अधिकारियों का कहना है कि नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह से जीएडी के अधीन हैं। इसमें आयोग का कोई दखल नहीं हैं।