स्वतंत्र समय, भोपाल
भाजपा के नेता व मैहर सीट से विधायक नारायण त्रिपाठी ने आखिरकार लंबे समय तक चले सत्ता व संगठन के साथ मतभेद के बाद विधायक पद और भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
त्रिपाठी ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को अलग- अलग पत्र प्रेषित कर इस्तीफा भेजा। उन्होंने इस्तीफा पत्र में कोई कारण इंगित नहीं किया है। माना जा रहा है कि वे कांग्रेस पार्टी से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। नारायण त्रिपाठी का मंत्री पद के लिए लंबे समय से मुख्यमंत्री शिवराज से मतभेद चल रहा था। इसके साथ ही उनका अपने लोकसभा क्षेत्र से संबंधित सांसद गणेश सिंह के साथ भी राजनैतिक विवाद चल रहा है। दोनों के बीच मैहर में विकास कार्यों को लेकर विगत दिनों जमकर बयानबाजी भी हुई थी। जब कमलनाथ सरकार बनी थी, तो उन्होंने सदन में कमलनाथ का समर्थन किया था, लेकिन विधायक पद से इस्तीफा न देने से वे भाजपा के विधायक बने हुए थे। लेकिन उन्होंने भाजपा के कार्यक्रमों से दूरी बना ली थी। त्रिपाठी ने मैहर को जिला बनाने की मांग भी उठा रखी थी और इसे मुद्दा बनाकर भी वे शिवराज सरकार के साथ मतभेद में रहे। आखिरकार मुख्यमंत्री शिवराज ने आचार संहिता लागू होने के ठीक पहले मैहर को जिला बना दिया, जिसके बाद नारायण त्रिपाठी ने सीएम का आभार माना था।
मैहर को जिला बनाने की अधिसूचना जारी करने वाले तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ और बाद में मैहर को जिला बनाने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दोनों का पोस्टर लगा कर आभार माना था। मैहर को जिला बनाने की मुहिम लगातार चलाने का नारायण त्रिपाठी को फायदा मिल सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस पार्टी भी उनको एंट्री देने से नहीं रोकेगी। माना जा रहा है कि वे अगले महीने होने जा रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सीट से मैदान में उतर सकते हैं। भाजपा ने पहले ही उनका टिकट काट दिया है। ऐसे में त्रिपाठी को भी भाजपा से कोई उम्मीद नहीं थी। त्रिपाठी ने 16 अक्टूबर को अपने अगले निर्णय की जानकारी देने की बात कही है।