स्वतंत्र समय, सागर
मध्यप्रदेश में इस साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी कुल 40 लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे। इनमें से वह सिर्फ 10 हजार रुपये नगद खर्च कर सकेंगे। जब वे नामांकन आवेदन जमा करेंगे तो निर्वाचन अधिकारी द्वारा उनको रजिस्टर दिया जाएगा। जिसमें प्रत्याशियों को हर दिन का खर्च दर्ज करना होगा, जिसका बिल एवं पक्की रसीद भी साथ में रखनी होगी। उल्लेखनीय है कि पिछले विधानसभा चुनाव में विधायक प्रत्याशी के खर्च की कुल सीमा 28 लाख रुपये तय की गई थी। इसके साथ ही वह 20 हजार रुपये नगद तक खर्च कर सकता था लेकिन इस बार इसमें 10 हजार रुपये की कटौती की गई है। इस वजह से प्रत्याशी सभी तरह के खर्च में नगद भुगतान सिर्फ 10 हजार रुपये तक ही कर सकते हैं। इससे ऊपर के खर्च के लिए चैक एवं आनलाइन माध्यम से भुगतान करना होगा। इसके अलावा निर्वाचन क्षेत्र के अंदर 50 हजार रुपये से अधिक नकद संबंधित के पास नहीं होना चाहिए।
चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी को चुनाव में खर्च के लिए नया बैंक खाता स्वयं एवं अपने एजेंट के नाम से खुलवाना होगा। इसी खाते के माध्यम से पूरा जमा एवं आहरण किया जाएगा। निर्वाचन अधिकारी द्वारा दिए जाने वाले रजिस्टर में तय फॉर्मेट में चुनाव खर्च की जानकारी दर्ज करनी होगी। जिसे मतदान के तीन दिन पहले दिल्ली से आने वाली निर्वाचन टीम के सदस्यों द्वारा देखा जाएगा और कमी होने पर उसे सुधार भी कराया जाएगा।
चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद सभी प्रत्याशी को निर्वाचन व्यय का लेखा- जोखा निर्वाचन अधिकारी को अपना व्यय एवं लेखा रजिस्टर, बिल, रसीद सहित जमा करना होगा। यदि किसी भी प्रत्याशी द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है तो वह विधानसभा, लोकसभा, विधान परिषद एवं राज्यसभा के निर्वाचन के लिए तीन साल तक आयोग्य घोषित हो जाएगा। इसके अलावा जुर्माना की कार्रवाई तक की जाएगी।