मां पीतांबरा पीठ में अनुष्ठान के लिए बुकिंग फुलः मप्र के 12 से ज्यादा मंत्री और 50 से ज्यादा विधायकों ने की बुकिंग

स्वतंत्र समय, भोपाल

मध्यप्रदेश के दतिया में पीतांबरा पीठ की मां बगलामुखी को शत्रुहंता के साथ-साथ राजसत्ता की देवी माना जाता है। वैसे तो सालभर यहां राजनेताओं की कतार लगी रहती है। जाप, अनुष्ठान होते रहते हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद नेताओं की कतार मां के दरबार में बढ़ गई है। टिकट और जीत के लिए जाप और हवन कराए जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। पीतांबरा पीठ में फरवरी तक अनुष्ठानों की बुकिंग हो फुल हो चुकी है। मध्यप्रदेश ही नहीं, चुनावी राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ के नेता भी यहां हाजिरी लगा रहे हैं। मंदिर में इतनी संख्या में अनुष्ठान हो रहे हैं कि पीठ में स्थान की कमी पडऩे लगी है।

मंदिर प्रबंधन से जुड़े पुजारी बताते हैं कि नवरात्रि और चुनाव को देखते हुए आसपास बने होटलों में पूजा पाठ का क्रम चल रहा है। करीब 100 पंडित इसमें जुटे हुए है। नवरात्र के चलते प्रत्येक पंडित के पास रोज चार से पांच अनुष्ठान का जिम्मा है। मंदिर से जुड़े लोगों का कहना है कि मध्यप्रदेश के करीब 12 मंत्री और 50 विधायकों ने नवरात्रि में अनुष्ठान की बुकिंग करवा ली है। कुछ ने बाकायदा ट्रस्ट में आवेदन देकर बुकिंग करवाई है तो कुछ ने अपने परिचित पंडितों को ही पूजा पाठ और हवन का जिम्मा सौंपा है। इसमें अधिकांश हवन शत्रु दमन और दावेदारी में सफलता और सत्ता प्राप्ति से जुड़े हैं।

आसपास के होटलों में हो रहे  हवन

पीतांबरा पीठ मंदिर से जुड़े साधकों का कहना है कि प्रदेश सरकार के 12 से 15 मंत्री, विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार के 10 मंत्री, राजस्थान सरकार के मंत्रियों का यहां नियमित रूप से आना जाना होता है। केंद्रीय मंत्रियों का भी दर्शन करने का सिलसिला चलता रहता है। कुछ नेताओं के अनुष्ठान तो थोड़े-थोड़े अंतराल से साल भर ही चलते रहते हैं। इन सभी नेताओं के अपने पुजारी होते हैं। ये लोग पूजा पाठ व हवन करते हैं। अनुष्ठान के समापन पर नेता या मंत्री यहां आकर खुद ही पूर्णाहुति देते हैं जबकि कुछ नेता तो नवरात्र में एक दो दिन रुककर यहीं जाप और हवन भी करते हैं। पीतांबरा पीठ प्रबंधन का कहना है कि जनवरी-फरवरी तक उनके यहां शतचंडी और नवचंडी यज्ञ अनुष्ठान आदि की बुकिंग फुल है। ऐसे में अब जो साधक अनुष्ठान के लिए आवेदन दे रहे हैं उन्हें आगे की तिथि के बारे में जानकारी दी जा रही हैं। पीठ पर अनुष्ठान के लिए स्थान न मिल पाने की स्थिति में अब पुजारियों ने अपने यजमान राजनेताओं के अनुष्ठान के लिए पीठ के आसपास बने होटलों में पूजा पाठ की व्यवस्था करा दी है। इसके अलावा दतिया में पीठ से जुड़े पुजारी और साधकों ने अपने निवास स्थानों पर भी पूजा स्थान बना रखे हैं। जहां बाहरी यजमानों के जप तप के साथ अनुष्ठान नवरात्रि में कराए जाएंगे। राजनीतिक लोग इन साधकों के संपर्क में हैं।

नेता मोबाइल पर ले रहे संकल्प

जानकारों का कहना है कि नवरात्र और चुनाव के चलते करीब 100 पंडित पूजा पाठ में जुटे हुए हैं। नवरात्र के चलते प्रत्येक पंडित के पास रोज चार से पांच अनुष्ठान का जिम्मा है। नियमित रूप से आने वाले नेता अनुष्ठान के लिए मोबाइल पर ही संकल्प करते हैं। वे जहां भी होते हैं, वहां से अपने पंडित को फोन लगाकर हाथ में पूजा की सुपारी दक्षिणा रख लेते हैं। पंडित यहां से संकल्प करवा देते हैं। इसके बाद पंडित अनुष्ठान में जुट जाते हैं। हवन के अंतिम दिन यजमान उपस्थिति होते हैं।