चेक बाउंस पर शासकीय स्कूल के प्रधानाध्यापक को छह माह की जेल व जुर्माना भी लगाया

स्वतंत्र समय, भैरूंदा

लेनदारी के लिए दिया गया चैक बाउंस होने पर अदालत ने  रिसीनगर कालोनी नसरुल्लागंज निवासी जो  ग्राम सतराना के शासकीय विधालय में  पदस्थ रहे प्रधानाध्यापक इंद्रपाल सिंह चौहान को नौ लाख चार हजार सात सौ  रुपये का प्रतिकर व छह माह के सश्रम करावास की सजा सुनाई है।

जानकारी के अनुसार ग्राम जमोनिया / नसरुल्लागंज जिला सीहोर  निवासी  के मुरारीलाल उफऱ् मुरारी जाट   से ऋषीनगर नसरुल्लागंज के गांव सतराना के सरकारी स्कूल  में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत इंद्रपाल सिंह  चौहान ने माह अप्रैल व मई  2019 में 8 लाख 30 हजार रुपये  मकान निर्माण कार्य से लिए थे। जिसके भुगतान के लिए  उसने 8 लाख 30 हजार रुपये की राशी का चैक सौंप दिया। 01 अगस्त को मुरारीलाल जाट  ने जब वह चैक नसरुल्लागंज के  बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच में चैक लगाया तो खाते में पैसे न होने के कारण चैक बाउंस हो गया।

जिस पर उसने अपने वकील के माध्यम से प्रधानाध्यक के पास डिमांड  नोटिस भिजवाया। इंद्रपाल द्वारा जब परिवादी मुरारी जाट को राशि अदा नहीं की तो  परिवादी मुरारी जाट ने अदालत मे परिवाद न्यायिक मजिस्ट्रेट नसरुल्लागंज   में लगाया । जिसमें न्ययिक् मैजिस्ट्रेट श्रीमती सुनीता गोयल ने परिवादी मुरारी जाट केपरिवद् पर संज्ञान लेकर विचारण कर दिनांक 14/10/2023 को निर्णय पारित  किया निर्णय मे आरोपी इंद्रपाल चौहान प्रधानाध्यपाक  को दोषी पाया गया। जिस पर अदालत ने आरोपी इंद्रपाल चौहान प्रधानाध्यपाक   को 6 माह की कठोर सश्रम की सजा सुनाते हुए हर्जाने के तौर पर इंद्रपाल सिंह चौहान  को उक्त छह माह की सजा के साथ  9,04,700 ( नौ लाख चार हजार सात सो रुपये प्रतिकर राशि परिवादी मुरारी जाट को भुगतान करने के प्रतिकर/हर्जाने  की सजा सुनाई।  परिवादी की और से  राजेश सेठी एडवोकेट एवं सम्यक सेठी एडवोकेट ने पैरवी की।