स्वतंत्र समय, हरदा।
फिर एक बार कांग्रेस ने डॉक्टर आरके दोगने पर भरोसा जताया है। वहीं भाजपा ने भी कमल पटेल के ऊपर अपना दाव खेला है। डॉक्टर दोगने व कमल पटेल का यहां तीसरी बार मुकाबला है। 2013 में दोगने ने कमल पटेल को 4600 वोटों से पराजित किया था वही 2018 में कमल पटेल ने डॉक्टर आरके दोगने को 6600 वोटों से हराया था। कमल पटेल को सातवीं बार भाजपा से टिकट मिला है। शिवराज सरकार में कृषि मंत्री के पद पर रहकर हरदा जिले को कई योजनाओं के फायदे दिलाए हैं।
भाजपा से डॉ. आर के दोगने और टिमरनी से अभिजीत शाह को कांग्रेस से टिकट
हरदा। कांग्रेस ने नवरात्रि के पहले दिन रविवार को प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है। हरदा विधानसभा क्षेत्र सामान्य 135 से कांग्रेस ने पूर्व विधायक डॉ आर के दोगने पर तीसरी बार विश्वास जताया है। वहीं टिमरनी विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार अभिजीत शाह पर जताया विश्वास पिछले चुनाव में पहली बार अपना भाग्य आजमाया थे उन्हें अपने ही चाचा विधायक संजय शाह से 2213 मतों से पराजित होना पड़ा था इस बार पार्टी ने एक बार फिर अभिजीत को मौका देकर मैदान में उतारा है। हरदा विधानसभा क्षेत्र सामान्य 135 से कांग्रेस ने पूर्व विधायक डॉ आर के दोगने पर तीसरी बार विश्वास जताया है। कांग्रेस पार्टी ने भरोसा जताया पर जनता ने भी पूर्व विधायक के ऊपर भरोसा बताया था क्योंकि 2013 में चुनाव हारने के बाद भी लगातार 5 साल तक जनता के बीच में जाकर संपर्क बनाए रखा यही जनसंपर्क 5 सालों का टिकट दिलाने में महत्वपूर्ण रहा।
मैं पांच साल जनता के बीच रहा
टिमरनी। दूसरी बार टिमरनी विधानसभा से अभिजीत शाह को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है, कांग्रेस द्वारा एक बार फिर से अभिजीत शाह को टिकट मिलने पर उनके समर्थकों और कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है, विधानसभा चुनाव 2018 में काफी कम अंतर से चुनाव हारे थे, हारने के बाद भी 5 साल जनता के बीच रहे। टिकट मिलने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी अभिजीत शाह ने कहा है कि 2023 का यह चुनाव सक्रियता वर्सेस निष्क्रियता के बीच होगा, चुनाव जीतने के बाद भी टिमरनी विधानसभा में रोजगार शिक्षा और व्यापार के क्षेत्र में कोई काम नहीं हुए हैं, किसानों के साथ भेदभाव किया जाता है, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी समर्थित विधायक संजय शाह का नाम लिए बगैर कहा कि चुनाव जीतने के बाद भी अपने परिवार अर्थात क्षेत्र के लोगों की शुद्ध नहीं ली जबकि वे खुद अभिजीत शाह पूरे 5 साल जनता के बीच में रहे चाहे वह कोरोना जैसी संकट की घड़ी हो या फिर किसने की परेशानी या फिर आम जनता की तकलीफ हो । उन्होंने हारने के बाद भी जनता का साथ नहीं छोड़ा उन्होंने वादा किया कि इस बार मेहनत बेकार नहीं जाएगी, मुझे जनता का समर्थन और आशीर्वाद मिलेगा कांग्रेस की कसौटी और जनता की आकांक्षाओं पर खरा उतारूंगा।