अब लोगों की आनबान और शान पुलिस थाने में

स्वतंत्र समय, भोपाल
राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर में बंदूक, रायफल व पिस्टल को लोग अपनी आनबान और शान समझते हैं। बंदूक लाइसेंस बनवाने के लिए हजारों रुपए तो रिश्वत तक में खर्च कर देते हैं। यदि बाद रिवाल्वर व पिस्टल की हो तो यह राशि लाखों तक में पहुंच जाती है। लेकिन अब चुनाव आचार संहिता लग चुकी है। इसलिए प्रशासन ने सभी लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं और सभी लाइसेंसी हथियारों को 16 अक्टूबर तक पुलिस थाने में जमा कराना होगा। यनि करीब ढाई से तीन महीने तक आनबान और शान थाने में रहेगी।
विधानसभा चुनाव-2023 में आमसभा, रैली, जुलूस और अन्य राजनीतिक आयोजन के लिए दो दिन पहले ही प्रशासन को सूचना देना पड़ेगी। सूचना देने के बाद अनुमति के आधार पर ही आयोजन होगा। चुनावी प्रचार-प्रसार के लिए राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों द्वारा आमसभा, जुलूस व रैली निकालने के संबंध में कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी आशीष सिंह द्वारा दण्ड प्रक्रिया की धारा-144 के तहत आदेश जारी किया गया है। आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा-188 के अन्तर्गत दण्डनीय कार्रवाई की जाएगी। जिले में विधानसभा आम निर्वाचन स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के मकसद से यह आदेश जारी किया गया है।

16 तक जमा कराने हैं शस्त्र

16 अक्टूबर तक शस्त्र धारकों को अपने शस्त्र थानों में जमा करने होंगे। जुलूस निकालने वाले आयोजकों को जुलूस को लेकर निर्धाारित कायदे मानने होंगे और ट्रैफिक को खास ध्यान रखना होगा। जिला दंडाधिकारी ने आदेश में स्पष्ट किया है कि आयोजकों को क्षेत्रीय पुलिस थाना को न्यूनतम दो दिन पूर्व अग्रिम सूचना देकर आमसभा, रैली व जुलूस की अनुमति प्राप्त करनी होगी। साथ ही पैदल जुलूस या जुलूस की शक्ल में मोटर साइकिल रैली आदि निकालने से पहले संबंधित राजनैतिक दल अथवा प्रत्याशी को यह तय करना होगा कि जुलूस किस समय शुरू होगा व किस समय समाप्त होगा। जुलूस के शुरू होने का स्थान, मार्ग और समाप्ति स्थल भी पहले से तय करना होगा। आयोजक जुलूस को प्रतिबंधित स्थानों से नहीं निकाल सकेंगे। साथ ही जुलूस का इंतजाम इस प्रकार करना होगा, जिससे यातायात में कोई रूकावट या बाधा उत्पन्न न हो। यदि जुलूस लंबा हो तो टुकड़ों में संगठित करना होगा। जिला दंडाधिकारी ने आदेश में यह भी उल्लेख किया है कि जुलूस सडक़ के बाई ओर चले और ड्यूटी पर तैनात पुलिस के निर्देशों और सलाह का कड़ाई से पालन किया जाए। जुलूस में शामिल लोग ऐसी चीजें लेकर न चलें जिनका अवांछनीय तत्वों द्वारा विशेष रूप से उत्तेजना के क्षणों में दुरूपयोग किया जा सकता हो।

पुलिस थानों में जमा हो रहे शस्त्र

विधानसभा आम निर्वाचन के मद्देनजर जारी किए गए प्रतिबंधात्मक आदेशों का कड़ाई से पालन कराने पर जिला प्रशासन का विशेष जोर है। इस कड़ी में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने जिले के सभी शस्त्र लायसेंसधारियों से अनिवार्य रूप से 16 अक्टूबर तक अपने शस्त्र संबंधित पुलिस थानों अथवा रक्षित पुलिस लाइन में जमा करने के निर्देश दिये हैं। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ने साफ किया है कि समयावधि के भीतर शस्त्र जमा न करने वाले शस्त्र लायसेंसधारियों के खिलाफ भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 एवं आयुध अधिनियम 1959 के अंतर्गत सख्त कार्रवाई की जायेगी। विदित हो जिला दंडाधिकारी द्वारा विधानसभा आम निर्वाचन को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के मकसद से गत 9 अक्टूबर को दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर सभी शस्त्र अनुज्ञप्तियां निलंबित कर दी गई हैं और सभी को अपने अस्त्र-शस्त्र पुलिस थानों में जमा करने के आदेश दिए हैं। आचार संहिता लागू रहने तक अस्त्र-शस्त्र लेकर चलने व प्रदर्शन पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा। यह प्रतिबंधात्मक आदेश माननीय न्यायाधिपतिगण, न्यायाधीश, प्रशासनिक अधिकारी, शासकीय अभिभाषक, सुरक्षा व चुनाव व्यवस्था आदि में कर्तव्य पालन के लिये तैनात किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट, सुरक्षा बल, अद्र्धसैनिक बल, विशिष्ट व्यक्तियों, अधिकारियों व उम्मीदवारों की सुरक्षा में लगाए गए पुलिस कर्मियों सहित अन्य शासकीय बलों, बैंक गार्डों आदि पर लागू नहीं होगा। किसी धार्मिक कानून एवं परम्परा के अंतर्गत अस्त्र-शस्त्र धारित किए जाने वाले व्यक्तियों पर प्रभावशील नहीं होगा।