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वित्त मंत्रालय ने 2022-23 के लिए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए गैर-उत्पादकता से जुड़े बोनस (तदर्थ या एडहॉक बोनस) की गणना के लिए 7000 रुपये की सीमा तय की है। वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले व्यय विभाग ने एक कार्यालय ज्ञापन में कहा कि लेखा वर्ष 2022-23 के लिए केंद्र सरकार के ग्रुप सी कर्मचारियों और ग्रुप बी के सभी गैर-राजपत्रित कर्मचारियों को 30 दिनों की परिलब्धियों के बराबर गैर-उत्पादकता आधारित बोनस (तदर्थ बोनस) दिया गया है, जो किसी भी उत्पादकता से जुड़ी बोनस योजना के दायरे में नहीं आते हैं।
सरकार ने रखीं कुछ शर्तें: बोनस के लिए सरकार ने कुछ शर्तें रखी हैं। जैसे, केवल वे कर्मचारी जो 31.3.2023 तक सेवा में थे और जिन्होंने वर्ष 2022-23 के दौरान कम से कम छह महीने की निरंतर सेवा प्रदान की है, इन आदेशों के तहत भुगतान के लिए पात्र होंगे। पात्र कर्मचारियों को वर्ष के दौरान निरंतर सेवा की अवधि के लिए छह महीने से लेकर पूरे वर्ष तक की अवधि के लिए प्रो-रेटा भुगतान स्वीकार्य होगा। गैर-पीएलबी (तदर्थ बोनस) की मात्रा औसत परिलब्धियों/गणना सीमा, जो भी कम हो, के आधार पर निर्धारित की जाएगी। एक दिन के लिए गैर-पीएलबी (तदर्थ बोनस) की गणना करने के लिए, एक वर्ष में औसत परिलब्धियों को 30.4 (एक महीने में दिनों की औसत संख्या) से विभाजित किया जाएगा। इसके बाद, इसे दिए गए बोनस के दिनों की संख्या से गुणा किया जाएगा। उदाहरण के लिए, 7000 रुपए (जहां वास्तविक औसत परिलब्धियां 7000 रुपए से अधिक हैं) की गणना सीमा को तीस दिनों के लिए गैर-पीएलबी (तदर्थ बोनस) लेने पर ?7000&30/30.4- रुपए 6907.89 (6908 रु. तक) हो जाएगा।