स्वतंत्र समय, इंदौर
कांग्रेस की दूसरी सूची जारी होने के बाद पार्टी की अंदरूनी खींचतान सडक़ पर आ गई है। पार्टी की जो कपड़ा फाड़ राजनीति बंद कमरों के अंदर चल रही थी, वो अब सार्वजनिक हो गई है। वहीं, गुटों और गिरोहों में बंटी कांग्रेस में अपने-अपने साम्राज्य, अपने छत्रपों और अपने-अपने गुर्गों को स्थापित करने की रस्साकशी उजागर हो गई है। दोनों सूचियों से उपजे असंतोष से कांग्रेस पार्टी तार-तार हो गई है और चुनाव में वह दो अंकों तक भी नहीं पहुंच सकेगी। यह बात प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने शुक्रवार को प्रदेश मीडिया सेंटर में पत्रकार-वार्ता को संबोधित करते हुए कही।
बोली लगाने के लिए भी लगने लगी बोलियां
प्रदेश सरकार के मंत्री सारंग ने कहा कि अभी कुछ समय तक प्रदेश कांग्रेस के जो दो नेता गलबहियां डाले घूम रहे थे और प्रदेश में सरकार बनाने की डींगें हांक रहे थे, उनका असली मंतव्य कांग्रेस की दोनों सूचियों से सामने आ गया है। सारंग ने कहा कि कांग्रेस की पहली सूची आने के बाद कमलनाथ ने कपड़े फाडऩे की बात की, तो दिग्विजय सिंह ने मीडिया के सामने उनकी गलतियों को उजागर किया। लेकिन दूसरी सूची आने के बाद तो पार्टी में विरोध और असंतोष इतना तीव्र हो गया है कि उम्मीदवारों की सूची से ज्यादा लंबी इस सूची के विरोध में इस्तीफा देने वालों की सूची हो गई है। गुटों और गिरोहों में बंटी कांग्रेस में टिकटों के लिए बोलियां पहले भी लगती रही हैं। लेकिन इस बार तो सारे पुराने रिकॉर्ड टूट गए। इस बार यह तय करने के लिए भी बोलियां लगी कि बोली कौन लगाएगा। दिग्विजय सिंह लगाएंगे, कमलनाथ लगाएंगे, नकुलनाथ लगाएंगे या जयवर्धन लगाएंगे।
परिवारवाद की पद्धति प्रदेश संगठन में आई
सारंग ने कहा कि कांग्रेस में शुरू से परिवारवाद की संस्कृति और पद्धति रही है और शीर्ष नेतृत्व की इस पद्धति को अब प्रदेश संगठन ने भी अपना लिया है। कांग्रेस में परिवारवाद को पं. नेहरू ने स्थापित किया था और आज नेहरू-गांधी परिवार अपने बेटे और बेटी को स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रहा है। मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह तथा कमलनाथ भी अपने बेटों को सेट करने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की जो दो सूचियां जारी हुई हैं, उनमें परिवारवाद को राजनीति में स्थापित करने की लालसा ही नजर आती है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में परिवारवाद को स्थापित करने के लिए दिग्विजय सिंह और कमनलाथ के बीच अंदर ही अंदर खींचतान चल रही है। दोनों सूचियों से यह स्पष्ट हो चुका है कि इन दोनों नेताओं के बीच इस बात को लेकर रस्साकशी जारी है कि प्रदेश कांग्रेस को कौन चलाएगा? नकुलनाथ या जयवर्धन सिंह?