स्वतंत्र समय, खंडवा
खंडवा सीट पर कमलनाथ समर्थक कुंदन मालवीय को टिकट दिया गया है। कुंदन 2018 का चुनाव 19 हजार 137 मतों से हार गए थे। अब दो दिन बाद विरोध के स्वर उपजे है, खंडवा के कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने 12 घंटे के भीतर टिकट बदलने की मांग की है। खंडवा के कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने सिहाड़ा रोड स्थित एक निजी होटल पर एकत्र हुए और कुंदन मालवीय का टिकट कटवाने की रणनीति बनाई। उन्होंने टिकट चयन की प्रक्रिया से लेकर पीसीसी और एआईसीसी के पर्यवेक्षकों पर भी सवाल उठाए। कुंदन मालवीय को लेकर वे कहते है कि हमारा व्यक्तिगत विरोध नहीं है। लेकिन वे 2018 का चुनाव हारे हुए है, 19 हजार 137 वोट से चुनाव हारे थे। बावजूद पार्टी हाईकमान ने उन्हें वापस टिकट दे दिया यह समझ से परे है। पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष इंदलसिंह पंवार, पूर्व जिलाध्यक्ष ओंकार पटेल, पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष रामपालसिंह सोलंकी, टिकट के दावेदार रहे सुनिल आर्य के नेतृत्व में , समर्थकों ने प्रत्याशी के ” विरोध की रणनीति बनाई । गौरतलब है कि, खंडवा में 33 साल से भाजपा का विधायक है। बीते दो विधानसभा चुनाव से जिला कांग्रेस कमेटी की कमान अरूण यादव समर्थकों के पास थी। विरोधकर्ता इंदलसिंह शहर अध्यक्ष, ओंकार पटेल जिलाध्यक्ष थे। यादव गुट के ही मोहन ढाकसे को 2013 में टिकट मिला था। लेकिन वे देवेंद्र वर्मा के सामने 34 हजार 71 वोट से हार गए थे। जबकि 2018 की अपेक्षा 2013 में कांग्रेस का संगठन मजबूत था। यहीं कारण था कि पार्टी ने 2018 में कमलनाथ समर्थक कुंदन मालवीय को टिकट दिया 7 कुंदन को 19 हजार 137 वोट से पराजय मिली।
खालवा में कांग्रेस प्रत्याशी सुखराम का पुतला फूंका
हरसूद सीट पर भाजपा के दिग्गज मंत्री विजयशाह के सामने चुनाव लड़ रहे सुखराम साल्वे का पुतला फूंका गया है। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी खालवा के पदाधिकारियों ने पुतला दहन किया है। हरसूद विधानसभा कांग्रेस पार्टी के विभिन्न संगठन मोर्चा के पदाधिकारी सुखराम साल्वे को प्रत्याशी घोषित किए जाने के विरोध में है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के विभिन्न पदों से सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की बात कहीं है। कहा कि सुखराम साल्वे कार्यकर्ता व जनता की पसंद का नहीं है। 3 दिन के भीतर प्रत्याशी सुखराम साल्वे का टिकट नहीं बदला तो भविष्य में हम कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे देंगे।
विजयवर्गीय समर्थक है राठौर, निर्दलीय चुनाव लडऩे का ऐलान
बीजेपी की पांचवी सूची जारी होने के बाद प्रत्याशियों के खिलाफ बगावत शुरू हो गई है। खंडवा जिले की एकमात्र सामान्य सीट मांधाता से कैलाश विजयवर्गीय के समर्थक संतोष राठौर ने निर्दलीय चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया है। कहा कि, भारतीय जनता पार्टी को खड़ा करने वाले महापुरूषों के विचारों को कुचला जा रहा है। कांग्रेस से आयातित नेताओं को टिकट दिया गया है। यह भाजपा का आत्मघाती कदम है। अलोकप्रिय नेता को टिकट देने के निर्णय को भाजपा कार्यकर्ता बर्दाश्त नहीं करेंगे।
संतोष राठौर बोले- आयातित नेता को टिकट देना भाजपा का आत्मघाती कदम
संतोष राठौर वर्तमान में भाजपा पिछड़ा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री है। राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह के नजदीकी भी है। दैनिक भास्कर से बातचीत में राठौर का कहना है कि भाजपा ने मांधाता सीट से नारायण पटेल को टिकट दिया है। वो पहले कांग्रेस में थे, ऐसा ही बड़वाह और पंधाना सीट पर भी हुआ है। कांग्रेस से आयातित नेताओं को टिकट दिया गया। भाजपा के कार्यकर्ता और वोटर तक कह रहे है कि टिकट वितरण सही नहीं हुआ है। नारायण पटेल ने कांग्रेस से भाजपा में आकर चुनाव लड़ा तो हमने सपोर्ट किया। भाजपा संगठन और कार्यकर्ताओं ने खून-पसीना एक करके उपचुनाव जीतवाया। लेकिन साढ़े 3 साल में नारायण पटेल ने भाजपा की छवि खराब कर दी है। नारायण पटेल के आचार विचार और संस्कार गलत है। उसके कार्य से भाजपा का कार्यकर्ता व मतदाता बड़ी मात्रा में रूष्ट है। टिकट देकर भाजपा ने आत्मघाती कदम उठाया है। हालात ऐसे है कि प्रचार करने गए तो नारायण पटेल को कई गांवों में लोग घुसने नहीं देंगे। कार्यकर्ताओं ने मेरा नाम लेकर सशक्त विकल्प दिया है। पार्टी की दिशा को ठीक करने के लिए मैं चुनाव लडूंगा।