स्वतंत्र समय, भोपाल
विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा का फोकस अब दिव्यांग व बुजुर्ग मतदाताओं पर खासतौर से है। पार्टी इस श्रेणी के लाखों मतदाओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटी हुई है। पार्टी का मानना है कि इस वर्ग के मतदाताओं में ज्यादा से ज्यादा मतदान का प्रतिशत बढऩे से उसका फायदा उसे मिल सकता है। इसकी वजह इस श्रेणी के मतदाताओं के कल्याण को लेकर भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्य हैं। भाजपा ने चुनाव आयोग से मांग की है कि बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाताओं को बैलेट पेपर से मतदान की सुविधा दी जाए।
निर्वाचन आयोग ने 80 वर्ष से अधिक उम्र के एवं दिव्यांग मतदाताओं को चुनाव संचालन नियम, 1961 के संशोधित नियम 27-सी के तहत घर से मतदान करने की सुविधा प्रदान की है। प्रदेश में 21 अक्टूबर से निर्वाचन प्रक्रिया की अधिसूचना लागू हो गई है और ऐसे मतदाताओं के लिए फार्म 12 डी जमा करने की अंतिम तिथि 26 अक्टूबर निर्धारित की गई है। भाजपा नेताओं ने चुनाव आयोग से मांग की है कि समय कम होने के कारण अनेक दिव्यांग और 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाता निर्वाचन आयोग की इस पहल का लाभ नहीं ले सकेंगे और उन्हें मतदान से वंचित होना पड़ेेगा। इसलिए फॉर्म 12डी जमा करने की अंतिम तिथि 26 अक्टूबर को आगे बढाया जाए ताकि अधिक से अधिक दिव्यांग एवं बुजुर्ग मतदाता मतदान कर सकें। केंद्रीय मंत्री व भाजपा के प्रदेश चुनाव सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाताओं की सुविधाओं व अधिकार को लेकर मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है।
आयोग की पहल प्रशंसनीय, लेकिन प्रचार-प्रसार जरूरी: शर्मा
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपने के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 80 वर्ष से अधिक उम्र के और दिव्यांग मतदाताओं की संख्या लगभग 11.50 लाख से अधिक है। चुनाव संचालन नियम में वर्ष 2019 में किए गए संशोधन के बाद यह पहला अवसर है कि मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। निर्वाचन आयोग के ध्यान में लाया गया है कि इस तरह की प्रशंसनीय पहल का पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। आयोग की इस पहल के बारे में जानकारी न होने के कारण उक्त दो श्रेणियों के अनेक पात्र मतदाताओं ने इसका विकल्प नहीं चुना है। ऐसे में इस संबंध में व्यापक जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है, ताकि उक्त श्रेणियों के अधिक से अधिक मतदाता मतदान कर सकें। प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल, चुनाव आयोग समन्वय विभाग के प्रदेश संयोजक एसएस उप्पल, विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक मनोज द्विवेदी और प्रकोष्ठ के सह संयोजक अशोक विश्वकर्मा शामिल रहे।
घर से वोट डालने की सुविधा का हो प्रचार
भाजपा द्वारा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि चुनाव आयोग का सूत्र वाक्य है कि कोई भी मतदाता मतदान से वंचित न रहे। लेकिन यदि फॉर्म 12 डी के माध्यम से आवेदन की अंतिम तिथि 26 अक्टूबर को आगे नहीं बढ़ाया जाता है, तो इस बात का अंदेशा है कि अनेक बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता मतदान से वंचित हो सकते हैं। भाजपा ने मांग की है कि 80 वर्ष से अधिक उम्र के एवं दिव्यांग मतदाताओं को अपने घर से बैलेट पेपर के जरिए मतदान का अवसर मिल सके, यह सुनिश्चित करने के लिए आयोग आवश्यक कदम उठाए। प्राप्त आवेदनों का जिला प्रशासन से तुरंत पुनर्मूल्यांकन कराया जाए। संबंधित जिला प्रशासन को उन वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग मतदाताओं की संख्या के तत्काल पुनर्मूल्यांकन करने के निर्देश दिये जाएं, जो 12 डी फॉर्म का उपयोग करके घर से वोट डालना चाहते हैं। आयोग की इस पहल के बारे में बुजुर्गों एवं दिव्यांगों को पर्याप्त जानकारी देने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए। इस काम में गैर सरकारी संगठनों की सहायता भी ली जा सकती है।