बिजली कंपनी के जेई को नहीं कर रहे रिलीव, कांग्रेस ने जताई चुनावी कार्य प्रभावित होने की संभावना

स्वतंत्र समय, शाजापुर

चुनाव कार्र्य निष्पक्ष रूप से पूरे हों इसको लेकर निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार समस्त कार्य किए जा रहे हैं, लेकिन बावजूद इसके कुछ अधिकारी नियमों की अनदेखी कर अपने चहेतों को स्थानांतरण होने के बाद भी रिलीव नही कर रहे हैं जिसको लेकर गतदिनों कांग्रेस ने जिला निर्वाचन अधिकारी से ऐसे अधिकारियों की शिकायत की थी। निर्वाचन कार्यालय ने मामले को संज्ञान में आते ही संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई करने हेतु पत्र लिखकर निर्देशित किया था, परंतु अधिकारियों ने निर्वाचन कार्यालय से मिले निर्देशों की अवहेलना करते हुए अब तक भी कर्मचारी को रिलीव नही किया है। उल्लेखनीय है कि बीते कई सालों से शाजापुर बिजली कंपनी में जमे जेई बलराज तिवारी का स्थानांतरण हो चुका है, किंतु उन्हे अब तक रिलीव नही किया गया है जिसको लेकर कांग्रेस ने शिकायत करते हुए संदेह जताया है कि तिवारी के रिलीव नही होने से चुनावी कार्य प्रभावित होने की संभावना है।

कांग्रेस की शिकायत के बाद  17 अक्टूबर को निर्वाचन कार्यालय से बिजली कंपनी के अधीक्षण यंत्री को पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया था। पत्र के एक सप्ताह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी ने जेई तिवारी को रिलीव नही किया है। मामले में कांग्रेस अब निर्वाचन आयोग भोपाल से शिकायत का मन बना रही है।

तिवारी को शाजापुर से विशेष मोह

बिजली कंपनी के जेई बलराज तिवारी को शाजापुर से विशेष मोह है और इसीके चलते वह यहां से जाने को तैयार नही हैं। यही कारण है कि स्थानांतरण होने के बाद भी तिवारी जोड़-तोड़ कर शाजापुर कंपनी कार्यालय में ही बने हुए हैं। तिवारी की वरिष्ठ अधिकारियों में कितनी गहरी पकड़ है इसका इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि निर्वाचन कार्यालय से कार्रवाई के निर्देश के बाद भी तिवारी को रिलीव नही किया जा रहा है।

रिश्वत मांगने को लेकर चर्चित रह चुके हैं तिवारी

बिजली कंपनी के जेई तिवारी पर झूठे प्रकरण में फंसाने और अवैध रूप से रिश्वत मांगने के आरोप भी लग चुके हैं और इन आरोपों के बाद तिवारी काफी चर्चित रहे थे। इसकेे पश्चात अब जबकि कुछ माह पहले तिवारी का स्थानांतरण हो चुका है तो वह रिलीव नही किए जाने पर सुर्खियों में हें। नियमों की बात करें तो तिवारी को स्थानांतरण आदेश आने के कुछ ही दिनों में रिलीव कर दिया जाना था, परंतु वरिष्ठ अधिकारियों की दया दृष्टि से तिवारी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए शाजापुर में ही पदस्थ हैं।