महू में कांग्रेस-भाजपा भारी संकट में, प्रत्याशियों के खिलाफ नेता उतरे मैदान में, पूर्व विधायक ने निर्दलीय भरा नामांकन

दिनेश सोलंकी, इंदौर

ऐसा पहली बार हो रहा है जब भारी विरोध के कारण महू में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों की हालत खराब हो रही है। यह भारी विरोध दोनों तरफ के प्रत्याशियों को लेकर हो रहा है। यहां से भाजपा ने पूर्व मंत्री उषा ठाकुर को दूसरी बार मैदान में उतारा है, जिसका प्रबल विरोध हो रहा है वहीं कांग्रेस ने रामकिशोर शुक्ला को मैदान में उतारा है जो अब तक भारतीय जनता पार्टी में रहते आए हैं और उन्होंने सिर्फ 27 दिन पहले ही कांग्रेस ज्वाइन की है, इसलिए इनके खिलाफ पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार ने मैदान संभाल लिया है। इन दोनों प्रत्याशियों के खिलाफ विरोध लगातार जोर पकड़ता जा रहा है और चुनाव रोचक होता जा रहा है। उषा ठाकुर पर उनके पिछले पांच साला कार्यकाल पर भारी उंगलियां उठ रही हैं। निष्क्रियता से लेकर भ्रष्टाचार तक के किस्से विरोधी नेता उठा रहे हैं।  गुरुवार की रात महू के गौशाला परिसर में दशहरा मिलन के नाम पर राजनीतिक सभा भाजपा के नेता और कार्यकर्ताओं ने मिलकर की, जिसमें उषा ठाकुर की उम्मीदवारी पर जबरदस्त रोष जताया गया। उन पर आरोप लगाए गए कि उषा ठाकुर ने महू के लिए कोई ऐसा विकास नहीं किया जिसकी चर्चा की जा सके।

उषा गुट पर सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के आरोप

पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने कहा कि लोग सडक़, पानी, बिजली आदि से बहुत परेशान होते रहे और उनके खास गुर्गे जिनको उषा ठाकुर ने गुट के रूप में स्थापित किया वे शासकीय विभागों में भारी भ्रष्टाचार करते रहे हैं। इसमें प्रमुख नाम भाजपा मंडल के एक प्रमुख पदाधिकारी का भी आया जिन्हें उषा ठाकुर की बदौलत सडक़ के तमाम ठेके मिले हैं। वहीं पर चर्चाओं में यह बात भी सुर्खियों से सामने आई कि उषा ठाकुर के एक और मुंह लगे मोर्चा पदाधिकारी ने हाईमास्क के ठेके हथिया कर सस्ते हाईमाक्स की जगह महंगे दामों से चूना लगाया है। इतना ही नहीं एक महिला नेत्री के बारे में बताया गया कि वह उषा ठाकुर के नाम से लोगों से चंदा उगाती रही है।

स्थानीय प्रत्याशी की मांग की

गोशाला में दशहरा मिलन भोज कार्यक्रम में उषा ठाकुर का भारी विरोध महू के वरिष्ठ भाजपा नेता राधेश्याम यादव, पूर्व जिला जनपद अध्यक्ष रामकरण भामर, पूर्व नगर अध्यक्ष शेखर बुंदेला और पूर्व जिला भाजपा अध्यक्ष अशोक सोमानी द्वारा मंच से गर्जना करके किया गया। इन सभी नेताओं ने मांग की है कि यहां पर स्थानीय प्रत्याशी को टिकट दिया जाए। इस मामले में हाई कमान तत्काल निर्णय ले अन्यथा जो कदम होगा वह उठाया जाएगा। इस आयोजन में बड़ी संख्या में ग्रामीण आदिवासी प्रतिनिधि कार्यकर्ता और महिला नेत्रियां उपस्थित हुई थीं।

निर्दलीय दरबार के समर्थन में निकाली मोटर रैली

इधर कांग्रेस के भी हाल-बेहाल हैं। यहां पर रामकिशोर शुक्ला की फजीहत करने के लिए कांग्रेस के पूर्व विधायक रहे अंतर सिंह दरबार ने निर्दलीय प्रत्याशी बनने का ऐलान कर दिया है, जिसे लेकर शुक्रवार को भारी संख्या में मोटरसाइकिल रैली निकाली गई, जो शहर के मार्गों से निकलती हुई प्रशासनिक संकुल पहुंची, जहां पर अंतर सिंह दरबार ने निर्दलीय फॉर्म जमा किया। दरबार के इस तरह निर्दलीय रूप से मैदान में आने से भाजपा और कांग्रेस दोनों को संकट पैदा हो गया है। असल में दोनों और के विरोधी कार्यकर्ता और मतदाता ज्यादातर दरबार के पक्ष में जा सकते हैं। इधर आदिवासी संगठन जयस और आम आदमी पार्टी ने भी अपना प्रत्याशी खड़ा कर दिया है, वहीं जनता कांग्रेस ने भी अपना प्रत्याशी मैदान में उतार दिया है। इस तरह प्रारंभिक रूप से साफ लग रहा है कि चुनाव बहुत रोचक होंगे। और सभी पार्टियों अपने-अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए दम लगाएगी। आगामी 30 अक्टूबर के बाद ही पता चलेगा कि मैदान में असली प्रत्याशी कौन-कौन रह गए हैं और यह भी पता चलेगा कि कांग्रेस या भाजपा या दोनों अपने घोषित प्रत्याशी को बदलना चाह रही है या नहीं।