सिंधिया परिवार के मजबूत गढ़ शिवपुरी में भाजपा की मजबूत चुनौैती को क्या भेद पाऐंगे केपी सिंह

स्वतंत्र समय, शिवपुरी।

ग्वालियर चम्बल संभाग में शिवपुरी विधानसभा सीट सिंधिया राजपरिवार का मजबूत गढ़ मानी जाती है। इस विधानसभा क्षेत्र में लगभग 40 वर्षों से वही प्रत्याशी विजयी हुआ है जिसे महल ने समर्थन दिया है। इस विधानसभा क्षेत्र में स्वर्गीय माधवराव सिंधिया, यशोधरा राजे सिंधिया और ज्योतिरादित्य ङ्क्षसधिया के पसंदीदा उम्मीदवार को ही विजयी मिलती रही है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस प्रत्याशी केपी ङ्क्षसह इस विधानसभा क्षेत्र में क्या महल की मजबूत चुनौती को भेद पायेंगे, यह एक बड़ा सवाल है। क्या वह इस विधानसभा क्षेत्र में एक नए इतिहास का सृजन करेंगे। शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से 1980 और 1985 के विधानसभा चुनाव में स्व. माधवराव सिंधिया के कट्टर समर्थक गणेश गौैतम ने विजयश्री प्राप्त की थी जबकि गणेश उस समय क्षेत्र के लिए बिल्कुल अंजान थे। 1990 से 2003 तक इस विधानसभा क्षेत्र में खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के पसंदीदा उम्मीदवारों को भाजपा प्रत्याशी के रूप में विजय हांसिल हुई। उनके समर्थन से 1990 में स्व. सुशील बहादुर अष्ठाना, 1993 में शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे देवेन्द्र जैन और 1998 तथा 2003 के विधानसभा चुनाव में स्वयं यशोधरा राजे ङ्क्षसधिया विजयी रहीं। 2007 में हुए उप चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रत्यक्ष और यशोधरा राजे ङ्क्षसधिया के अप्रत्यक्ष समर्थन से वीरेन्द्र रघुवंशी विजयी हुए। 2008 में यशोधरा राजे सिंधिया की अनुशंसा पर भाजपा ने माखन लाल राठौर को टिकिट दिया तथा उन्हें जिताने में यशोधरा राजे सिंधिया सफल रहीं। इसके बाद 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में यशोधरा राजे ङ्क्षसधिया भारी मतों से विजयी होने में सफल रहीं। इन आंकड़ों से समझा जा सकता है कि इस विधानसभा क्षेत्र में महल का कितना जबर्दस्त प्रभाव है। ऐसी स्थिति में समझा जा सकता है कि कांग्रेस प्रत्याशी केपी सिंह को चुनाव जीतना आसमान से तारे तोडऩे से कम काम नहीं है। क्या वह इस कठिन तथा फिलहाल असंभव से लगने वाले कार्य को करने में सफल रहेंगे तथा एक नया इतिहास बनाऐंगे यह जानना सभी के लिए बेहद दिलचस्प रहेगा।

भाजपा प्रत्याशी देवेन्द्र जैन शहरी क्षेत्र में लगा रहे हैं ताकत

शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से घोषित किए गए भाजपा प्रत्याशी देवेन्द्र जैन 30 वर्ष पहले 1993 में यहां से विजयी होने में सफल रहे थे। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी और अपने समधी सांवलदास गुप्ता को पराजित किया था। इसके बाद वह 2008 में कोलारस से विधायक रहे। श्री जैन का शिवपुरी शहर में अच्छा प्रभाव है और उनके अनुज जितेन्द्र जैन जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनकी जन्म स्थली भले ही कोलारस हो लेकिन कर्मस्थली शिवपुरी है। श्री जैन शहरी क्षेत्र में अपनी पूरी ताकत लगा रहे है। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी केपी सिंह का शहरी क्षेत्र में प्रचार अभी जोर नहंी पकड़ पाया है।

कांंग्रेस प्रत्याशी केपी ङ्क्षसह ग्रामीण क्षेत्र में सक्रिय

कांग्रेस प्रत्याशी केपी सिंह का प्रचार अभी ग्रामीण क्षेत्र में फैला हुआ है। प्रतिदिन वह ग्रामीण क्षेत्रों के दौरे कर रहे हैं। शहरी क्षेत्र में वह अभी तक नजर नहीं आए हैं। उनके समर्थक अवश्य वार्डों में प्रचार कर रहे हैं।