स्वतंत्र समय, भोपाल
विस चुनाव के बीच पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी और स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की भी एंट्री हो गई है। रविवार को बीजेपी के मीडिया सेंटर में प्रेस कांफ्रेंस में बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने दोनों ही स्व. नेताओं का जिक्र कर अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को लेकर कहा कि इंदिरा गांधी के समय जब खंबे सामने आए तो कोर्ट से खुदाई पर रोक लगवा दिए गए, जबकि अटल बिहारी वाजपेयी के समय टेक्नोलॉजी के सहारे 2003 में सभी सबूत सामने आए। त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का पुराना रोग एक बार फिर टीस उभर रही है। वो फिर राम मंदिर को लेकर चुनाव आयोग गए हैं। त्रिवेदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आपको राम से आपत्ति है या फिर मंदिर से आपत्ति है। वो कहते हैं की बाबरी मस्जिद शहीद हो गई ये कोर्ट की अवहेलना है।
1961 तक नहीं रहा मुस्लिम पक्षकार
सांसद त्रिवेदी ने कहा कि कोर्ट में राम मंदिर केस में राम जन्मभूमि बाबरी परिसर का जिक्र है न की बाबरी मस्जिद का। 1961 तक कभी मुस्लिम समाज पक्षकार नहीं बना। 12 साल की मियाद खत्म होने के 11 दिन पहले किसके उकसावे पर मुस्लिम पक्षकार सामने आए। त्रिवेदी ने कहा कि पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के समय जब खंबे सामने आए तो कोर्ट से खुदाई पर स्टे लगवा दिए, जबकि अटल जी के समय टेक्नोलॉजी के सहारे 2003 में सभी सबूत सामने आए।
दिग्विजय सिंह ने किया पलटवार
सांसद सुधांशु त्रिवेदी के बयानों पर पलटवार करते हुए राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि सुधांशु त्रिवेदी हमारे मित्र है। इसलिए कभी कभी गलतफहमी में रहते हैं। न पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने स्टे लगाया न बीजेपी ने स्टे खोला। इस काम को अदालत करती है। इसलिए कोई भी पार्टी का आरोप लगाना गलत है। उस समय नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे। हर व्यवस्था के लिए कानून बना है कि न्यायालयीन फैसला सब कबूल करेंगे।