स्वतंत्र समय, मुरैना
कांग्रेस नेता रामप्रकाश राजोरिया ने अपने निज निवास पर आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कहा कि अंचल में बसपा की बढ़ती पैठ ने कांग्रेस की हालत पतली कर दी है। इस संबंध में मैंने शीर्ष नेतृत्व को अवगत कराया, लेकिन बोल दिया गया के कांग्रेस की लहर है, आप निश्चिंत रहिए। ऐसा लगता है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व ही पार्टी को नुकसान पहुंचाना चाहता है। कांग्रेस केवल सोशल मीडिया पर चुनाव लड् रही है। दलित वोट जो पिछले चुनाव मे कांग्रेस की तरफ जाता लगा था, वो पुन: बसपा मे जाता दिख रहा है। इस संबंध में कांग्रेस के नेता फूल सिंह बरैया ने एक माह पहले अपने वीडियो के माध्यम से अवगत कराया था, लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। इस पत्रकार वार्ता के माध्यम श्री राजोरिया ने कहा कि कान आंख खोल लो, नहीं तो सूपड़ा साफ भी हो सकता है। आगे लोकसभा चुनाव भी है, अगर विधानसभा नही जीतेंगे तो हम सांसद कैसे बनायेंगे और अभी जो सुमावली मे घटनाक्रम हुआ है, वो बहुत पीड़ादायक है। श्री राजौरिया ने कहा कि कुलदीप सिकरवार के साथ जो हुआ वह जग जाहिर है। टिकट काटना था तो अजब सिंह का पहले ही करना था, जिससे आज समाजिक विघटन नहीं होता। सुमावली विधायक ने जिस भाषा शैली से कमलनाथ को सम्बोधित किया, बसपा में शामिल होकर सोशल मीडिया पर कांग्रेस के लिए बोले कि 6 की 6 हराऊंगा, उसको टिकट देकर सम्मान दिया। ये उन कार्यकर्ताओं के मुंह पर तमाचा है, जो निष्ठा और ईमानदारी से कांग्रेस के लिए लगे हैं। मुरैना विधानसभा मे तीनो प्रमुख दलों द्वारा एक ही जाती के लोगों को टिकट दिया है, जिससे शहरी क्षेत्र मे उदासीनता का माहौल है। अभी भी समय है लहर को छोडक़र यथार्थ में काम किया जाए, नहीं तो 2013 की पुनरावृत्ति हो सकती है। उन्होंने कहा कि मैं और मेरे पूरे परिवार द्वारा नगर निगम के चुनाव मे कांग्रेस के लिए जी जान लगा दी, लेकिन श्रेय केवल दिनेश गुर्जर को दिया गया, जो अपने वार्ड को भी जिता नहीं सके और रही सभापति बनने की बात तो उसमें मुरैना विधानसभा के प्रत्याशी अपने ही समाज के एक भी पार्षद का समर्थन नहीं दिलवा सके।