चुनावी जाजमः विश्वास सारंग पर भाजपा को लगातार चौथी बार विश्वास पक्का, कांग्रेस ब्राह्मण कार्ड के साथ मैदान में उतरी

नरेला विधानसभा सीट पर मतदाताओं की संख्या

कुल वोटरः 349472

पुरुष वोटरः 180994

महिला वोटरः 168464

(2023 की स्थिति में)

स्वतंत्र समय, इंदौर

नरेला सीट यानी विश्वास सारंग की सीट कही जा सकती है। इसी विश्वास के भरोसे भाजपा ने लगातार चौथी बार मैदान फतह करने के लिए उतारा है। यह सीट जब से यानी 2008 से वजूद में आई तब से विश्वास सारंग ही भाजपा के लिए कमल खिलाने का दारोमदार संभाले हुए हैं।  ऐसे में यहां कांग्रेस के लिए राह मुश्किल है लेकिन इस बार कांग्रेस ने यहां पर ब्राह्मण कार्ड खेला है जिससे नरेला सीट पर चौंकाने वाले नतीजे की उम्मीद भी जानकार इस बार कर रहे हैं। स्थानीय निकाय से अपनी राजनीति शुरू करने वाले विश्वास सारंग यहां जीत का चौका लगाने की तैयारियों में दिन-रात जुटे हुए हैं। वहीं जीत के लिए तरस रही कांग्रेस इस सीट को के लिए मनोज शुक्ला को मैदान में उतारा है। मनोज शुक्ला नि:शुल्क धार्मिक यात्राओं, ब्रज दर्शन और गिरिराज परिक्रमा आदि के जरिए सॉफ्ट हिंदुत्व के साथ मैदान में हैं। आम आदमी पार्टी से रईसा मलिक को मैदान में उतार दिया है।

नरेला में चौंका सकती है कांग्रेस

2008 में ही परिसीमन के बाद नरेला विधानसभा सीट अस्तित्व में आई। इसके बाद से ही इस सीट पर भाजपा विधायक और मंत्री विश्वास सारंग का कब्जा है। विश्वास  सारंग नरेला से लगातारी चौथी बार जीत दर्ज करने की तैयारी में जुटे हुए हैं। वहीं, कांग्रेस भी इस सीट पर कब्जा जमाने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस यहां मनोज शुक्ला के कामों के दम पर मैदान में है। हिन्दुओं के साथ ही ब्राह्मण वोटर्स को साधने के लिए कांग्रेस ने यह दांव चला है।

मनोज शुक्ला के अलावा इनका था दावा

कांग्रेस में इस बार इस सीट पर प्रत्याशी चयन को लेकर काफी मंथन हुआ। यह सीट जब से बनी है तब से कांग्रेस जीत की बांट जोह रही है। ऐसे में कांग्रेस को ब्राह्मण चेहरे की तलाश थी जो मनोज शुक्ला के रूप में पूरी हुई। वहीं मनोज के अलावा पूर्व प्रत्याशी महेंद्र सिंह चौहान, आशिफ जकी भी यहां से दावेदारी कर रहे थे। यहां पर शहर कांग्रेस जिला अध्यक्ष कैलाश मिश्रा को भी टिकट देने पर मंथन हुआ था।

2008 से यहां पर सारंग

इस सीट के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सांसद और पार्टी के वरिष्ठ नेता स्व. कैलाश नारायण सारंग के बेटे विश्वास सारंग को चुनाव मैदान में उतारा था. कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व महापौर सुनील सूद को टिकट दिया था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2013 के चुनाव में कांग्रेस ने यह सीट हथियाने के लिए खूब जोर लगाया, लेकिन फिर हार का मुंह देखना पड़ा. इस चुनाव में उन्हें 26 हजार 970 मतों के अंतर से हार मिली।

सारंग और शुक्ला के बीच मुख्य टक्कर

यूं तो यहां आप प्रत्याशी भी मैदान में ह,ै लेकिन मुख्य मुकाबला शुक्ला और सारंग के बीच ही है। 49 वर्षीय मनोज शुक्ला ने स्नातक तक की पढ़ाई की है। वो एक होटल कारोबारी हैं। शुक्ला नरेला विधानसभा सीट पर काफी लंबे समय से सक्रिय रहे हैं।  पिछले चुनाव में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र सिंह चौहान को करीब 23 हजार वोटों से हराया था।

कथाओं से सारंग को उम्मीद

भाजपा प्रत्याशी विश्वास सारंग हिंदू मतदाताओं को साधने के लिए बाबाओं का भी सहारा ले रहे हैं। पहले प्रदीप मिश्रा की तो फिर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा कराई जिसमे बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की थी।

विकास कार्य हुआ पर धीमा

क्षेत्र के लोग यूं तो सडक़ और ओवरब्रिज के अलावा नाली के मेेंटेनेंस के काम को ठीक मानते हैँ। हालांकि उनका कहना है कि विकास कार्य की गति बेहद धीमी है। खास तौर से डीबी मॉल और भारत टॉकीज से हो रहे विकास कार्यों की धीमी गति असहज करने वाली है। यहां धूल का गर्दो गुबार देखा जा सकता है। इससे लोगों को सुबह-शाम की परेशानी भी हो रही है। वहीं सुंदर नगर कॉलोनी में काम न होने की बात भी कही।