इमरती देवी के खिलाफ नामांकन पत्र में अपराधिक रिकॉर्ड छुपाने का आरोप, निर्वाचन आयोग में की शिकायत

स्वतंत्र समय, ग्वालियर
मध्य प्रदेश की राजनीति में सबसे ज्यादा चर्चाओं में रहने वाली इमरती देवी के एक बार मुश्किल में फंस गई है। ग्वालियर जिले की डबरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी इमरती देवी की भारत निर्वाचन आयोग से शिकायत की गई है। शिकायत में कहा गया है कि भाजपा प्रत्याशी इमरती देवी ने अपना अपराधिक रिकार्ड छिपाया है। भाजपा प्रत्याशी इमरती पर सात अपराधिक मामले दर्ज हैं। इमरती देवी के खिलाफ 7 मुकदमों में से 6 मुकदमें डबरा सिटी थाने में और 1 मुकदमा पिछोर थाने में दर्ज हैं। नामांकन निरस्त कर अपराधिक केस दर्ज करने की मांग की गई है।
नामांकन पत्र में रिवाल्वर की कीमत कम दिखाई थी। शिकायतकर्ता एडवोकेट संकेत साहू ने अपनी शिकायत में कहा है कि इमरती देवी पत्नी पूरन सिंह निवासी चीनौर रोड डबरा ने जानबूझकर अपना अपराधिक प्रकरण एवं तथ्य छिपाकर फार्म भरने व सुप्रीम कोर्ट के न्याय दृष्टांतों का उल्लंधन किया है। इमरती देवी पर डबरा शहर के थाने में अपराध क्रं 633 वर्ष 2007 इसमें धारा 353, 186,427 और 147 हैं। अपराध क्रं 634 धारा 341, व 145, अपराध क्रं 653 धारा 420,467,471,201,120बी, अपराध क्रं 668 धारा 500, 506 ,अपराध क्रं 602 धारा 341,147, अपराध क्रं 817 धारा 188 व धारा तीन लोक संपत्ति नुकसान व निवारण विरूपण अधिनियम 1984 के तहत अपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। वहीं शिकायत में यह भी बताया गया है कि इमरती देवी ने 2008 के चुनाव में भी नामांकन फार्म में अपराध छिपाए थे और इसके बाद वाले चुनाव में भी यही किया। लोक प्रतिनधित्व अधिनियम की धारा 125 ए के तहत शपथ पत्र में तथ्य छिपाकर झूठी जानकारी देना अपराध है। इसके साथ ही रिवाल्वर की कीमत नामांकन पत्र में कम दर्शाने और शैक्षणिक योग्यता की मार्कशीट न उपलब्ध कराने पर भी आपत्ति की गई है।

निरीक्षण पत्र स्वीकृति के बाद आपत्ति पर विचार नहीं किया जाता

वहीं इमरती देवी के शिकायत के मामले में डबरा के रिटर्निंग अधिकारी मुनीष सिंह सिकरवार का कहना है कि भाजपा प्रत्याशी इमरती देवी के संबंध में शिकायत मिली है। क्योंकि समीक्षा का कार्य परसों पूरा हो चुका है। समीक्षा कार्य में नाम निरक्षण पत्र स्वीकृत होने के बाद किसी भी प्रकार की आपत्ति पर विचार नहीं किया जा सकता है। ऐसी सूचना शिकायतकर्ता को दे दी गई है।