स्वतंत्र समय, टिमरनी
विधानसभा चुनाव को लेकर जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे ही प्रत्याशीयो की धडक़ने बढ़ती जा रही हैं तो वही आरोप प्रत्यारोप एक दूसरे प्रत्याशी ओर लगाने का सिलसिला भी जारी हो गया हैं लेकिन भाजपा के प्रत्याशी संजय शाह जोकि लगातार 15 वर्षों से टिमरनी विधानसभा के विधायक के रूप में जन सेवा कर रहे हैं अब उन्हें ही कुछ ग्रामीण क्षेत्र की जनता गांव में घुसने नहीं दे रही है तो कहीं कुछ गांव में विधायक साहब का भारी विरोध हो रहा है साथ ही कार्यकर्ताओं के साथ बदतमीजी गाली गलौज तक की जा रही है। भाजपा प्रत्याशी का विरोध जनता में भारी देखने को मिल रहा है 15 साल का विकास कार्य जनता पूछ रही हैं और ओर 15 साल से लगातार विधायक रहे संजय शाह की निष्क्रियता पर सवाल खड़े कर रही है, लेकिन भाजपा अपने प्रत्याशी की कमजोरी ना मानते हुए कांग्रेस के प्रत्याशी भतीजे अभिजीत शाह एवं कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे भाजपा विधायक संजय शाह का विरोध कांग्रेस प्रत्याशी के माथे माढते हुए कांग्रेस द्वारा विरोध कराए जाने के आरोप लगा रही है। तो वही कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता भी भाजपा की साजिश बताते हुए स्वयं भाजपा अपना ही विरोध कराकर जनता से सहानुभूति लेने जैसे आरोप लगा रही है लेकिन चाचा भतीजे के इन आरोपो से जनता शाह परिवार को ही नकारती नजर आ रही है।
दोनों पार्टी पर भारी पड़ रही बाल्टी
जनता द्वारा शाह परिवार और राजघराने से मैदान में उतरे भाजपा कांग्रेस के चाचा संजय शाह और भतीजे अभिजीत शाह पर निर्दलीय व जयस समर्थन प्राप्त प्रत्याशी रमेश मर्सकोले को जनता का जन समर्थन मिलते नजर आ रहा है भाजपा कांग्रेस पार्टी व शाह परिवार से चाचा भतीजे द्वारा एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाकर अपना उल्लू सीधा करने से नाराज जनता अब निर्दलीय प्रत्याशी रमेश मर्सकोले को जन समर्थन मिलते नजर आ रहा है कहीं ऐसा ना हो जाए की चाचा भतीजे एक दूसरे पर आरोप लगाते ही रह जाए और भाजपा कांग्रेस पार्टी पर निर्दलीय प्रत्याशी रमेश मर्सकोले की बाल्टी भरी ना पड़ जाए यह तो 17 नवंबर के मतदान और 3 दिसंबर की मतगणना में ही पता चलेगा कि किसके ऊपर टिमरनी विधानसभा के विधायक का ताज होगा।
टिमरनी विधानसभा में होगा त्रिकोणीय मुकाबला
विधानसभा क्रमांक 134 में भाजपा कांग्रेस के साथ अब निर्दलीय प्रत्याशी भी बाल्टी चुनाव चिन्ह के साथ चुनावी मैदान में है जो दोनों पार्टी के प्रत्याशियों का समीकरण बिगाड़ सकती है जिससे टिमरनी विधानसभा में त्रिकोणी मुकाबला होगा। वही टिमरनी विधानसभा में कुल सात प्रत्याशी चुनावी मैदान में है। 2 नवंबर को नामांकन उठाने की अंतिम तारीख के दिन किसी भी प्रत्याशी द्वारा अपना नामांकन वापस नही लिया है टिमरनी विधानसभा से कुल 7 उम्मीदवार चुनावी मैदान में नजर आएंगे अब देखते हैं जनता किसे अपना विधायक चुनती हैं।