धूल, धुआं और बदहाल सडक़ बनी शहर की पहचान, 4 साल से जर्जर पड़ी सडक़

स्वतंत्र समय, कटनी
शहर में इन दिनों बदहाल सडक़ों का जाल चहुं ओर फैला हुआ है। बस स्टैंड ने पन्ना तिराहा हो या फिर शहर के मुख्य बाजार जगन्नाथ चौराहे से घंटाघर की सडक़ हर जगह धूल दुआ और बदहाल सडक़ शहर की पहचान बनी हुई है। उप नगरीय क्षेत्र माधव नगर, एनकेजे में भी कुछ ऐसी ही स्थित है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों की अनदेखी का खामियाजा शहर वासियों को भोगना पड़ रहा है। सडक़ की बदहाली के कारण कुठला क्षेत्र के वासिंदो ने आज परेशान होकर नारेबाजी करते हुए आगामी विधानसभा चुनाव में वोट नहीं डालने का ऐलान किया। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 4 साल से सीवर लाइन के कारण यहां पर सडक़ खोदकर छोड़ दी गई तब से लेकर आज तक यहां के लोग हर समय धूल भरी हवा में सांस ले रहे हैं। नगर निगम प्रशासन ने वैसे तो सडक़ निर्माण के लिए सभी खानापूर्ति कर ली है, लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं कराया। निर्माण कार्य के नाम पर नगर निगम प्रशासन यहां पर केवल मिट्टी डालकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लेता है। स्थानीय लोगों ने सडक़ की समस्या को लेकर लगभग सभी जनप्रतिनिधियों की चौखट चूमी लेकिन हल कहीं नहीं निकला।

ठेका स्वीकृत पर नहीं लगा काम

स्थानीय नागरिकों ने बातचीत करते हुए कहा कि सडक़ की समस्या को लेकर जब हमने नगर निगम के सक्षम अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों से बात की तो उन्होंने बताया कि सडक़ निर्माण के लिए ठेका हो चुका है, जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा कही गई इस बात को आज पांच माह बीत चुका हैं, लेकिन ठेका स्वीकृत होने के बाद भी अब तक यहां काम शुरू नहीं कराया जा सका।

महापौर और अन्य जनप्रतिनिधि कर चुके है दौरा

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि लोगों को हो रही इस समस्या को लेकर लगातार खबरें मीडिया में प्रकाशित हो रही हैं। मीडिया में खबरें प्रकाशित होने के कारण कुछ महीनो पूर्व महापौर श्रीमती प्रीति संजीव सूरी क्षेत्र का दौरा कर चुकी हैं। अपने दौरे के दौरान महापौर ने जल्द से जल्द सडक़ निर्माण कराए जाने का निर्देश देते हुए बाकायदा यहां पर फोटो सेशन भी करवाया था, लेकिन आज तक काम का अता पता नहीं है। इसके अलावा स्थानीय विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधि भी लोगों की समस्या से बखूबी वाकिफ हैं, लेकिन किसी के द्वारा भी आज तक लोगों को हो रही इस समस्या से निजात देने के लिए प्रयास नहीं किए गए।

बीमार पड़ रहे लोग

स्थानीय लोगों का कहना है की जन प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की उदासीनता के कारण सडक़ के आसपास रहने वाले लोगों पर बीमारी का संकट मंडरा रहा है। आए दिन बीमार पड़ कर लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं लेकिन सत्ता का सुख भोग रहे लोगों को आमजन की समस्या से आखिर क्या लेना देना। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के दर्शन क्षेत्र में यदा-कदा ही होते हैं। चुनाव का वक्त है तो जनप्रतिनिधि इस ओर आ भी रहे हैं, वरना कोई झांकने तक नहीं आता। ऐसा लगता है कि सत्ता हासिल करने के बाद जन प्रतिनिधियों ने शहर वासियों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। लोगों ने आक्रोशित होकर नारेबाजी करते हुए कहा कि हम यहां हर पल परेशानी का सामना कर रहे हैं और अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि मौज उड़ा रहे हैं। अगर जल्दी से जल्दी हमें हमारी समस्या से निजात नहीं दिलाई गई।
और क्षेत्र की सडक़ दुरुस्त नहीं कराई गई तो हम आगामी विधानसभा चुनाव में वोट नहीं डालेंगे। लोगों का कहना है कि लगातार दर्जनों शिकायत करने के बाद भी सडक़ निर्माण की कार्यवाही ना होना, जनप्रतिनिधियों की उदासीनता को उजागर करता है।