कांग्रेस ने अपनाई भाजपा की अचूक रणनीति, मिशन 2023 फतह करने अब बूथ प्रबंधन पर फोकस

स्वतंत्र समय, भोपाल

मप्र विधानसभा चुनाव प्रचार जोर-शोर से शुरू हो गया हैं। प्रदेश में कहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सभा हो रही है तो कहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा जनसभा कर रही हैं। लेकिन इसी बीच कांग्रेस ने चुनावी सभाओं और रोड शो के अलावा बूथ प्रबंधन पर फोकस करना शुरू कर दिया है। प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह बूथ, सेक्टर और मंडलम के विधानसभा वार सम्मेलन कर रहे हैं, तो सुरेश पचौरी, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया, अजय सिंह सहित अन्य नेता अपने-अपने अंचल में कार्यकर्ताओं की बैठक ले रहे हैं।

दरअसल, प्रदेश कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता स्वीकार कर चुके हैं कि भाजपा का संगठन मजबूत होने के कारण वह चुनाव आसानी से जीत लेती है। लिहाजा भाजपा से निपटने के लिए कांग्रेस ने भी अपने संगठन को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। जब तक सेवादल की मैदान में सक्रियता थी, तब तक कांग्रेस का संगठन गांव-गांव तक खासा मजबूत था। सेवादल के कमजोर पडऩे के बाद कांग्रेस का संगठन कमजोर हो गया। धीरे-धीरे पार्टी की स्थिति भी कमजोर होती चली गई। काफी समय बाद यह पहला चुनाव होगा, जब कांग्रेस ने संगठन की तरफ ध्यान दिया है। दूसरी तरफ कांग्रेस ने बूथ प्रबंधन प्रकोष्ठ ने बूथ पर मतदाता संपर्क अभियान शुरू कर दिया है। इसमें शिवराज सरकार के विरुद्ध जारी आरोप पत्र को वितरित करने के साथ सरकार बनने पर लागू किए जाने वाले वचन पत्र की जानकारी दी जा रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस ने महाजनसंपर्क अभियान की जो कार्य योजना बनाई है, उसमें वरिष्ठ नेताओं की चुनावी सभा, रोड शो तो होंगे पर अधिक ध्यान मतदाताओं से सीधे संपर्क पर भी दिया जाएगा।

उद्देश्यः कार्यकर्ता मतदाताओं के सीधे संपर्क में रहें

मप्र में होने वाले विधानसभा चुनाव प्रचार जोर-शोर से शुरू हो गया है। मतदान की तिथि की भी उल्टी गिनती शुरू हो गई है। ऐसा इसलिए कि मतदान के लिए अब महज दस दिन बचे हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने पहली बार विधानसभा स्तर पर बूथ, सेक्टर और मंडलम ईकाई बनाकर भाजपा से दो-दो हाथ करने की तैयारी की है। इसका उद्देश्य यह है कि -कार्यकर्ता मतदाताओं के सीधे संपर्क में रहें। भाजपा की तरह ही पन्ना प्रभारी बनाए गए हैं, ताकि वे अपने मतदान केंद्र के मतदाताओं पर ध्यान दे पाएं। पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की सभा के जरिए जनता को रिझाने का प्रयास कर रही है। सभा रोड शो के अलावा पार्टी ने पहली बार ढंग से बूथ प्रबंधन पर फोकस करना शुरू किया है। यह जिम्मेदारी प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह खुद संभाल रहे हैं। वे बूथ, सेक्टर और मंडलम के विधानसभा वार सम्मेलन कर रहे हैं। उनके अलावा सुरेश पचौरी, अरुण यादव, कातिलाल भूरिया, अजय सिंह सहित अन्य नेता अपनी-अपनी जिम्मेदारी वाले क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं की बैठक ले रहे हैं। बड़े नेताओं के अलावा कांग्रेस के बूथ प्रबंधन प्रकोष्ठ ने बूथ पर मतदाता संपर्क अभियान शुरू किया है। इसमें शिवराज सरकार के विरुद्ध जारी आरोप पत्र को वितरित करने के साथ सरकार बनने पर लागू किए जाने वाले वचन पत्र की जानकारी दी जा रही है।

इस बात पर कांग्रेस का विशेष जोर

चुनाव प्रचार अभियान में कांग्रेस इस बात पर विशेष जोर दे रही है कि राज्य में जब कमलनाथ के नेतृत्व में जब सरकार बनेगी तो महिला, युवा, किसान, एससी-एसटी, ओबीसी और कर्मचारियों के लिए क्या-क्या कदम उठाए जाएंगे। पार्टी मतदाताओं को बता रही है कि वचन पत्र में हर वर्ग के लिए प्रावधान रखे गए हैं। इस वचन पत्र को घर-घर तक पहुंचाने के लिए इंटरनेट मीडिया के सभी माध्यमों का उपयोग किया जा रहा है। यहीं काम वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी भोपाल-रायसेन, अरुण यादव निमाड़ अंचल, कांतिलाल भूरिया झाबुआ-अलीराजपुर, रतलाम, मंदसौर और अजय सिंह सीधी और आसपास के जिलों में कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने पहली बार विधानसभा स्तर पर बूथ, सेक्टर और मंडलम इकाई बनाई है। इसका उद्देश्य यह है कि कार्यकर्ता मतदाताओं के सीधे संपर्क में रहें। भाजपा की तरह ही पन्ना प्रभारी बनाए गए हैं, ताकि वे अपने मतदान केंद्र के मतदाताओं पर ध्यान दे सकें। प्रदेश कांग्रेस ने सभी जिला और ब्लाक इकाइयों को निर्देश दिए हैं कि बूथ विजय के लक्ष्य पर सर्वाधिक ध्यान दें। दिग्विजय सिंह भी इसी दिशा में काम कर रहे हैं। वे प्रतिदिन चार से पांच विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ता सम्मेलन करके यही बात दोहरा रहे हैं कि मतदान केंद्र पर सर्वाधिक ध्यान रहे। एक-एक मतदाता तक पहुंचकर उन्हें भाजपा सरकार की असफलताएं बताएं।

महाजनसंपर्क अभियान की कार्य योजना

पार्टी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस ने महाजनसंपर्क अभियान की जो कार्य योजना बनाई है, उसमें पार्टी के आला नेताओं की चुनावी सभाएं और रोड-शो तो होंगे, लेकिन ज्यादा फोकस मतदाताओं से सीधे संपर्क पर है। कांग्रेस पार्टी ने पहली बार विधानसभा स्तर पर बूच, सेक्टर और मंडलम ईकाई बनाई है। इसका उद्देश्य यह है कि कार्यकर्ता मतदाताओं के सीधे संपर्क में रहें। प्रदेश कांग्रेस ने सभी जिला और ब्लाक इकाइयों को निर्देश दिए हैं कि बूथ विजय के लक्ष्य पर सर्वाधिक ध्यान दें। दिग्विजय सिंह भी इसी दिशा में काम कर रहे हैं। वे प्रतिदिन चार से पांच विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ता सम्मेलन करके यही बात दोहरा रहे हैं कि मतदान केंद्र पर सर्वाधिक ध्यान रहे। एक-एक मतदाता तक पहुंचकर उन्हें भाजपा सरकार की असफलताएं बताएं। चुनाव प्रचार अभियान में कांग्रेस इस बात पर विशेष जोर दे रही है कि राज्य में जब कमलनाथ के नेतृत्व में जब सरकार बनेगी, तो प्रदेश की महिलाएं, युवाओं, किसानों, एससी- एसटी, ओबीसी और कर्मचारियों के लिए क्या-क्या कदम उठाए जाएंगे। पार्टी मतदाताओं को बता रही है कि वचन पत्र में हर वर्ग के लिए प्रावधान किए गए हैं। इस वचन पत्र को घर- घर तक पहुंचाने के लिए इंटरनेट मीडिया के सभी माध्यमों का भी उपयोग किया जा रहा है। संगठन भाजपा की सबसे बड़ी ताकत है।