स्वतंत्र समय, शहडोल
जिला एवं खाद्य औषधि विभाग ने गत दिनों हर साल की तरह इस साल भी दीवाली के अवसर पर शहडोल व बुढ़ार के लगभग दो दर्जन डेयरी व बड़े होटलों की जांच कर मिठाइयों के नमूने लिए। जिन्हे परीक्षण के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाएगा। अमानक व अपमिश्रित पायी गई मिठाइयों पर कार्रवाई तय की जाएगी। इसके अलावा अफसरों ने दूकान संचालकों को साफ सफाई के लिए निर्देश भी दिए।
साल में एक बार आती है याद
खाद्य एवं औषधि विभाग साल में केवल एक बार दीवाली के समय ही नीद से जागता है और ताबड़तोड़ ढंग से मिठाइयों के नमूने लेकर अपना कोरम पूरा कर लेता है। जबकि खान पान की सामग्रियों में खाद्य सुरक्षा मानकों का स्तर बनाए रखने के लिए उसे नियमित जांच पड़ताल करनी चाहिए। वर्ष भर अमले का कहीं अता पता नहीं रहता है और व्यवसायी मजे से अपने मन की करते रहते हैं, त्योहार आते ही विभाग को अपना दायित्व याद आ जाता है। हर साल यही खेल चलता है दीवाली आते ही डेयरी दुकानों और होटलों में नमूनो की जांच शुरू हो जाती है, फिर होता क्या है यह किसी को पता नहीं चलता है। विभागीय अफसर कहते हैं कि हम अपना सालाना टारगेट पूरा कर लेते हैं। जहां अपमिश्रण का मामला मिलता है वहां कार्रवाई भी होती है।
इनकी कभी खबर नहीं लेते
शहर के अधिकांश चायनाश्ते के होटलों में गंदगी की भरमार दिखाई पड़ती है। खुले में नाश्ते के सामान समोसा, जलेेबी आदि रखे दिखाई पड़ते हैं, इनमें दर्जनों मक्खियां भिनकती रहतीं हैं, फिर ग्राहक को वही परोस दिया जाता है, इन होटलों में रखी गिलास और पानी कितना साफ रहता है यह तो कहना ही बेकार है। एक गिलास एक टब में दिनभर धोया जाता है, उसका ठीक से जूठन तक नहीं छूट पाता है। पानी की टंकी में महीनों से काई जमा रहती है उसी का पानी ग्राहक को पिलाया जा रहा है। खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारियों ने आज तक किसी भी होटल में दविश नहीं डाली और कार्रवाई के साथ यह सीख कभी नहीं दी कि सामग्रियां ढांक कर रखो और पानी स्वच्छ रहना चाहिए, जूठे बर्तनों को साफ पानी में धोया करो।