प्रदेश में इंदौर विस क्रमांक- 01 में सबसे महंगा चुनाव होने का अनुमान, 2 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है मप्र का चुनाव खर्च

 स्वतंत्र समय, भोपाल

चुनाव आयोग मप्र विधानसभा चुनाव में काले धन के उपयोग को रोकने के सारे जतन कर रहा है। ईडी सहित तमाम जांच एजेंसियां रोजाना करोड़ों रुपए जब्त कर रही हैं। इसके बावजूद राजनीतिक दल और उनके उम्मीदवार चुनाव जीतने और वोटर्स को रिझाने के लिए पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि संभवत: मप्र के चुनावी इतिहास में इस बार का विधानसभा चुनाव सबसे महंगा साबित होगा। जिसमें मप्र की 230 सीटों पर 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है। जबकि इसमें स्टार प्रचारकों, चुनावी सभाओं, रोड शो और उडऩ खटोलों का खर्च शामिल नहीं है।

इंदौर जिले की एक सीट पर 10-20 करोड़ खर्च होना मामूली

सूत्रों का कहना है कि अकेले इंदौर जिले की नौ विधानसभा सीटों पर इस बार 300 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इंदौर जिले की एक-एक सीट पर 10 से 20 करोड़ खर्च होना मामूली बात है। नौ सीटों पर प्रमुख प्रतिद्वंदी दल भाजपा-कांग्रेस के कुल 18 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। यदि एक उम्मीदवार 10 करोड़ रुपए भी खर्च करता है, तो भी 180 करोड़ रुपए खर्च होंंगे। जिन सीटों पर भाजपा-कांग्रेस के उम्मीदवारों में कांटे की टक्कर है और उम्मीदवार रसूखदार-मालदार हैं, उन सीटों पर 25 से 50 करोड़ रुपए तक खर्च होने का अनुमान है। इनमें इंदौर विधानसभा क्रमांक-एक का चुनाव सबसे मंहगा होगा।

अकेली इंदौर विस क्र.-1 में 90 से 100 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान

सूत्रों के अनुसार अकेली इस सीट पर 90 से 100 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इस सीट पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और कांग्रेस के मौजूदा विधायक संजय शुक्ला के बीच मुकाबला है। यह चुनाव राजनीतिक भविष्य के लिए कैलाश विजयवर्गीय के लिए जीतना जितना आवश्यक है, उतना ही कांग्रेस के संजय शुक्ला के लिए भी है। लिहाजा दोनों उम्मीदवारों द्वारा खर्च में किसी तरह की कोई कटौती या कमी नहीं की जा रही है। वोटर्स को रिझाने सारे फंडे अपनाए जा रहे हैं। साड़ी, मोबाइल से लेकर 5 हजार, 50 हजार, लाख-दो लाख तक नकदी के लिफाफे  हैसियत के मुताबिक बांटे जा रहे हैं। इनमें कार्यकर्ताओं से लेकर सभी समाजों के प्रमुख शामिल हैं, जो उम्मीदवारों को थोक में वोट दिलाने का दावा कर रहे हैंं।

मतदाताओं-कार्यकर्ताओं की होगी जोरदार दिवाली

इस बार दिवाली के ठीक पांच दिन बाद चुनाव हैं। 12 नवम्बर को दिवाली और 17 नवम्बर को मतदान है। लिहाजा इस बार निचली बस्तियों से लेकर कार्यकर्ताओं के घरों में जोरदार दिवाली मनेगी। उम्मीदवारों द्वारा दिवाली पर मोबाइल, मिठाई, पटाखों से लेकर तमाम उपहार मतदाताओं और कार्यकर्ताओं के घर-घर बांटे जा रहे हैं।