बाहरी प्रत्याशी के मुद्दे पर बैकफुट पर पार्टियां

स्वतंत्र समय, पांढुर्णा

17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के मतदान को लेकर दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रत्याशी लगाकर चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। दोनों ही प्रत्याशी विभिन्न मुद्दों और विषयों को लेकर जनता के बीच लगातार पहुंच रहे है, साथ ही अपनी पार्टी और नेताओ द्वारा किए गए विभिन्न विकास कार्य और जनहितैषी योजनाओं को गिना रहे है। इसके अलावा जनसभाओं में और प्रचार प्रसार के दौरान राजनीतिक दल एक दूसरे पार्टी के प्रत्याशी को बाहरी भी बात कर हमलावर नजर आ रहे हैं।
इन हालातों में चुनाव में सभी मुद्दे छोटे पड़ते नजर आ रहे हैं और बाहरी मुद्दा सबसे ज्यादा प्रभावी दिख रहा है। दावेदारी के समय से लेकर प्रचार प्रसार तक बाहरी होने का मुद्दा सबसे ज्यादा उठाया जा रहा है। जहां शुरुआती दौर में भाजपा के ही अन्य दावेदार प्रत्याशी प्रकाश उईके को भारी बढक़र खुलेआम विरोध कर चुके हैं। तो वहीं कांग्रेसी भी उन्हें स्थानीय निवासी न बताकर विधानसभा क्षेत्र के बाहर का मूल निवासी बता कर घेरने का प्रयास लगातार करते रहे हैं। वही सत्ताधारी भाजपाई भी पांढुर्णा नया जिला बनने के बाद निलेश उईके का गृह क्षेत्र मोहखेड़ अब पांढुर्णा जिले में नहीं होने का बता कर निलेश को भी पांढुर्णा जिले का बाहरी प्रत्याशी बता रही है। इस चुनावी माहौल में किस प्रत्याशी का बाहरी होने का मुद्दा जनता के बीच ज्यादा प्रभावशील रहता है, यह तो आने वाला मतदान का समय ही बताएगा।