स्वतंत्र समय, सीहोर
हर साल की तरह इस साल भी जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में आगामी 20 नवंबर गोपाष्टमी को बृजधाम की झलक दिखाई देगी। मंदिर परिसर में भव्य रूप से गोवर्धन सजाया जाएगा और 56 भोग से बनेंगे गिरिराज जी। इसकी तैयारियों को लेकर सोमवार को भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के द्वारा विठलेश सेवा समिति के पदाधिकारियों की एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया था। जिसमें आगामी को होने वाले भव्य आयोजन को लेकर तैयारियां की जाएगी। वहीं इन दिनों भागवत भूषण श्री मिश्रा के सानिध्य में दीपावली का पावन पव मनाया जा रहा है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर परिसर में आ रहे है। सोमवार को गोबर्धन पूजन का आयोजन किया गया था। इस मौके पर हजारों की संख्या में सुबह से देर शाम तक मंदिर परिसर में भोजन प्रसादी का क्रम चलता रहा।
इस संबंध में जानकारी देते हुए समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि आगामी 20 नवंबर को सुबह 10 बजे अन्नकुट दर्शन के गौमाता एवं गोवर्धन नाथ जी आरती के पश्चात दोपहर बारह बजे से दोपहर दो बजे तक महा प्रसादी का वितरण किया जाएगा। दीपोत्सव के पश्चात हर साल यहां पर समिति के द्वारा भव्य आयोजन किया जाता है। इस मौके पर मंदिर परिसर में 56 प्रकार की सामग्री से गिरिराज गोवर्धन का प्रतिरूप तैयार किया जाएगा। इसके अलावा रंगोली आदि का निर्माण किया जाएगा।
भागवत भूषण पंडित श्री मिश्रा ने अपने संदेश में कहा कि अन्नकुट महोत्सव सनातन धर्म का सबसे बड़ा पर्व है। भगवान श्रीकृष्ण को 56 या 108 तरह के पकवानों का भोग लगाना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि अन्नकूट भी गोवर्धन पूजा का समारोह है। 56 प्रकार के मिष्ठान पकवान का भोग अर्पित किया जाता है, इससे ही विभिन्न आकृतियां उकेरकर झांकी सजाई जाती है इसलिए इसे अन्नकूट महोत्सव कहते हैं, अन्नकूट प्रसादी का बड़ा महत्व होता है क्योंकि इसमें कई प्रकार की सब्जियां अन्य प्रकार के भोग बनाए जाते है।
उस प्रसाद का स्वाद ही अलग होता है। गो मतलब लक्ष्मी और वर्धन का मतलब है वृद्धि है। मां लक्ष्मी की जो वृद्धि करने वाले है वो गोवर्धन होते है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से आगामी 20 नवंबर को होने वाले भव्य अन्नकूट महोत्सव में आने की अपील की है।