आज से होगा पहलवानों के दंगल का आयोजन शुरू, मेहतवाड़ा जहां हर चौथे घर में पहलवान

स्वतंत्र समय, आष्टा

दंगल (कुश्ती) भले ही कहने के रह गए हो, लेकिन आष्टा ब्लॉक का मेहतवाड़ा एक ऐसा गांव है जिसकी पहचान इसी से होती है। यहां हर चौथे घर में एक पहलवान मौजूद है। कई पहलवानों ने प्रदेश ही नहीं देश में हुई कुश्ती प्रतियोगिता में भाग लेकर मेडल जीता है। जिससे पांच हजार की आबादी वाले इस गांव की पहचान पहलवानों के नाम से हो गई है।  साल 1974 में देवास जिले के सोनकच्छ में हुए दंगल में गांव के दिवंगत रूपसिंह ठाकुर शामिल हुए थे। उन्होंने देखा कि दंगल में पसीना बहाने से शरीर तंदरूस्त रहता और इस पुरानी परंपरा को जीवंत रखा जा सकता है तो उसी समय अपने गांव में यह कार्य करने संकल्प लिया। साल 1975 में पहली बार इस गांव में उनके सहयोग से दंगल की शुरूआत हुई और यह अब भी जारी है। दरअसल वर्षों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन करते हुए दीपावली के दूसरे दिन पड़वा से आष्टा ब्लॉक के मेहतवाड़ा में विशाल दंगल एवं तीन दिवसीय मेले का आयोजन हो रहा है 13 नवंबर सोमवार आज दोपहर से विशाल दंगल शुरू हो रहा है। यहां आयोजन श्री उदय राय महाराज की स्मृति में हर वर्ष रखा जाता है आज दंगल में प्रदेश के अनेक पहलवान अपना जौहर दिखाएंगे।

निशुल्क दंगल का आयोजन

इस अवसर पर तीन दिवसीय मेले का आयोजन भी रखा है।मेहतवाड़ा के मेला संयोजक एवं उपसरपंच ग्राम पंचायत मेहतवाड़ा पहलवान धर्मेंद्र ने बताया कि सोमवार से निशुल्क दंगल का आयोजन शुरू हो गया है यहां आयोजन तीन दिवसीय है जिसमें 31 नवंबर को पहलवान अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे इस अवसर पर तीन दिवसीय मेला का आयोजन रखा गया है जिसमें 13 नवंबर को रात्रि में मेंदनाथ वध, 14 नवंबर की रात्रि अभिमन्यु वध, 15 नवंबर को रात्रि में अंगद संवाद का आयोजन भी रखा गया है मेले में राजस्थानी नृत्य कलाकारों द्वारा शानदार प्रस्तुति की जाएगी मेले व दंगल को देखने के लिए जावर, सोनकच्छ ,आष्टा सहित अन्य क्षेत्र से भी लोग पहुंचेंगे। अच्छा प्रर्दशन करने वाले पहलवानों को पुरस्कार से नवाजा जाता जायेगा। हर साल दीपावली के एक दिन बाद पड़वा पर गांव में दंगल का आयोजन होता है। जिसमें प्रदेशभर के पहलवान शामिल होकर भाग लेते हैं। अच्छा प्रर्दशन करने वाले पहलवानों को पुरस्कार से नवाजा जाता है। वर्तमान में इस गांव में पांच जगह अखाड़ा हैं, जहां रोजाना बड़े से लेकर युवा पहलवान पहुंचकर पहलवानी का अभ्यास करते हैं।

इनकी वजह से रोशन हुआ गांव का नाम

पहलवानी में लाला पहलवान, दिवंगत आजादसिंह पहलवान,राजा बली पहलवान, कृणपाल, रविंद्रसिंह पहलवान, सेना में सेवा देकर रिटायर्ड विजेंद्रसिंह ठाकुर, फूलसिंह ठाकुर ने नाम रोशन किया है। गांव में पहलवानों के अलावा अभी 11 युवा सेना, 04 लडक़ी पुलिस में अपनी सेवा दे रही है। नाम गांव नजारा शहर जैसा: मेहतवाड़ा भले ही गांव हो, लेकिन सुविधा और विकास देख शहर जैसा ही दृश्य सामने आएगा। गांव में 80 प्रतिशत से अधिक शिक्षा का स्तर होने होने से यहां के लोग सरकारी और प्राइवेट बड़ी कंपनियों में कार्यरत होकर अच्छा पैसा कमा रहे हैं। किसानों ने पॉलीहाउस लगाकर और अन्य तरीके से खेती कर इसे लाभ का धंधा बना लिया है। इसके अलावा भी कई सुविधा मौजूद है।