शमशाबाद विधानसभा सीट पर मतदाताओं की संख्या
कुल वोटरः 200687
पुरुष वोटरः 104998
महिला वोटरः 95687
(2023 की स्थिति में)
स्वतंत्र समय, इंदौर
शमशाबाद सीट को अगर एक लाइन में कहें तो माना जा सकता है कि कांग्रेस अगर इस बार जीत जाए तो प्रत्याशी के साथ ही आलाकमान के लिए भी यह अविश्वसनीय, अविस्मरणीय रहेगा। अब तक हुए चुनाव इतिहास में यहां कांग्रेस केवल एक बार ही जीत सकी है।
भाजपा के इस सुरक्षित दुर्ग में उसे प्रत्याशी नहीं मिलना आश्चर्य का विषय रहा। यहां तक कि राजनीति से वनवास ले चुके सूर्य प्रकाश मीणा को आलाकमान ने टिकट थमाया। पार्टी की मान मनोव्वल पर वे चुनाव लडऩे उतरे वरना पिछले चुनाव में ही उन्होंने सक्रिय राजनीति में सहभागिता से इंकार कर दिया था। पांच साल तक सूर्य प्रकाश मीणा ने अपने आपको पूरी राजनीति से दूर कर लिया था। सूर्य प्रकाश मीणा अपने गांव में खेती बाड़ी का कामकाज देखने लगे थे। इसके बाद इस विधानसभा चुनाव ने सूर्य प्रकाश मीणा का पार्टी ने वनवास खत्म कर उन पर भरोसा जताया है। मीणा इस सीट से दो बार लगातार विधायक रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने नए नवेले चेहरे सिद्धू विक्रम सिंह पर दांव खेला है। हालांकि राजनीति में वे पुराने हैं। विदिशा जिले के ग्रामीण क्षेत्र बाहुल्य शमशाबाद विधानसभा सीट का उदय 1977 के चुनाव में हुआ। उस समय यह क्षेत्र पूर्ण ग्रामीण क्षेत्र था, लेकिन अब इसमें शमशाबाद नगर परिषद के रूप में एक छोटा नगरीय क्षेत्र भी शामिल हो गया है। शमशाबाद और नटेरन तहसीलों के काफी हिस्से को जोडक़र बना यह विधानसभा क्षेत्र भाजपा का गढ़ है।
10 में से 8 बार भाजपा जीती तो एक बार कांग्रेस
अब तक का इतिहास कहता है कि यहां भाजपा का ही पलड़ा भारी रहा है। शमशाबाद में अब तक दस चुनाव हुए हैं और अब 11 वें चुनाव की तैयारी है। इन दस चुनावों में आठ बार भाजपा जीती है जबकि कांग्रेस सिर्फ एक बार जीती। यादव, मीणा बाहुल्य इस विधानसभा क्षेत्र में जनता पार्टी और भाजपा के उम्मीदवारों को 8 बार और कांग्रेस के उम्मीदवार को केवल एक बार ही जीत मिल सकी है। वहीं एक बार अजेय भारत पार्टी के उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी। 1977 में जनता पार्टी के गिरीश चंद्र वर्मा इस सीट पर पहले विधायक बने थे। वहीं 1998 में अजेय भारत पार्टी के रुद्र प्रताप सिंह ने जीत हासिल कर भाजपा और कांग्रेस को नंबर दो और तीन पर कर दिया था।
मेहताब सिंह कांग्रेस के इकलौते विधायक
शमशाबाद क्षेत्र से कांग्रेस के एकमात्र विधायक डॉ मेहताब सिंह यादव रहे हैं। वे 1985 में इस सीट से जीते थे। यह कांग्रेस की इकलौती जीत है। जबकि अजेय भारत पार्टी से रुद्रप्रताप सिंह चुनाव जीते थे। दो बार प्रेमनारायण शर्मा और दो बार सूर्यप्रकाश मीणा को यहां से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में विधायक बनने का मौका मिला।
यादव-मीणा बाहुल्य क्षेत्र
शमशाबाद विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक मतदाता यादव और मीणा जातियों के हैं। इनमें से प्रत्येक जाति के मतदाताओं की संख्या लगभग 19-20 हजार है। जबकि कुशवाहा समाज के मतदाताओं की संख्या करीब 11 हजार और ब्राह्मण, रघुवंशी और राजपूत समाज के मतदाताओं की संख्या लगभग 10-10 हजार है। शमशाबाद विधानसभा सीट की सागर लोकसभा क्षेत्र में पड़ती है। शमशाबाद सीट को शमशाबाद, नटेरन और विदिशा तहसील के कुछ क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया है. इस सीट पर कई जातियों के वोटर्स अहम भूमिका में रहते हैं। इनमें यादव वोटर्स की संख्या करीब 70 हजार है तो मीणा वोटर्स की संख्या 35 से 40 हजार के बीच है। इनके अलावा साहू वोटर्स की संख्या 15 हजार है तो मुस्लिम वोटर्स की संख्या 5 हजार के करीब है।
कृषि प्रधान है इलाका
शमशाबाद विधानसभा पूरी तरह कृषि आधारित क्षेत्र है। यहां शमशाबाद नगर परिषद को छोडक़र कोई नगरीय क्षेत्र नहीं है। सिंचाई के लिए संजय सागर और सगड़ परियोजनाओं के बाद से काफी राहत मिली है, लेकिन फिर भी नहरों से पानी मिलने, सहकारी समितियों से बीज, खाद आदि वितरण की समस्याओं को लेकर किसान परेशान रहते हैं।
हथियारों के शौकीन हैं मीणा
बीजेपी प्रत्याशी सूर्य प्रकाश मीणा के और उनके परिवार के पास 8 करोड़ की संपत्ति है। सूर्य प्रकाश मीणा की इनकम की बात करें तो उनकी आय पिछले पांच सालों के दौरान घटी है। पांच साल पहले जहां उनकी इनकम 11 लाख थी तो वही अब लगभग 9 लाख हो गई। उनके पास 16 लाख 84 हजार नकदी है तो वहीं उनकी पत्नी के पास 5 लाख केश है। सूर्य प्रकाश के बैंक खातों में लगभग 57 लाख रुपए है तो उनकी पत्नी के पास 41 हजार जमा है। वाहनों में सिर्फ उनके पास एक ट्रैक्टर है। उनकी पत्नी के पास 26 तोला सोना है। सूर्य प्रकाश मीणा के पास 32 बोर की रिवाल्वर और 12 बोर की बंदूक हैं तो वहीं उनकी पत्नी के पास 22 बोर की राइफल है। मीणा के नाम कोई भी जमीन नहीं है।
तीस साल से राजनीति में हैं सिंधु विक्रम सिंह
कांग्रेस ने शमशाबाद विधानसभा सीट पर 55 वर्षीय सिंधु विक्रम सिंह पर अपना भरोसा जताया है। सिंधु विक्रम सिंह 1994 में पहली बार सरपंच बने थे, पत्नी शमशाबाद कृषि उपज मंडी मंडी अध्यक्ष रहीं, उनके बाद दूसरी बार में खुद कृषि उपज मंडी अध्यक्ष थे। उनकी बहू जनपद अध्यक्ष रही है। वर्तमान में पत्नी और छोटा भाई जिला पंचायत सदस्य हैं।