स्वतंत्र समय, खिलचीपुर
लंबी छुट्टी के बाद शासन द्वारा कृषि उपज मंडीयो के चालू होते ही किसान अपने अनाज को बेचने टूट पड़े, वही कृषि उपज मंडी में बंपर आवक रही, कृषि उपज मंडी में गत दिवस दोपहर बाद एक मामला देखने को मिला, अनाज से भरे वाहनों को जब किसान मंडी स्थित कांटे पर वजन करा रहे थे। तब एक जागरूक किसान ने कांटा संचालक पर गरजते कहा कि मेंने अपने अनाज से भरे ट्रैक्टर को बाहर दूसरे कांटे पर वजन कराया है , मेरे अनाज के वजन में 20 किलो का अंतर आ रहा है ऐसा क्यों है।
जागरूक किसान व्यापारी को माल खाली कर पुन: खाली ट्रैक्टर-ट्रॉली में 20 किलो का बांट रखकर कांटे की जांच करने पहुंचा, तब पाया कि फिर से वजन में 20 किलो का अंतर है, इसी बात को लेकर किसान कांटा संचालक पर भडक़ उठा इसी बीच अन्य किसान भी कांटे पर तौल में गड़बड़ी की बात को लेकर जागरूक किसान प्रभु लाल के साथ एकत्रित हो कांटा संचालक पर भडक़ने लगे, थोड़ी देर कहा सुनी चलती रही मंडी कार्यालय में बात पहुंचते ही मंडी कर्मचारियों ने पुलिस को बुलाकर मामले को शांत किया, दर्जनों किसानों ने एकत्रित होकर अपनी शिकायत मंडी कार्यालय एवं पुलिस थाने को आवेदन देकर की, वही कांटा संचालक पर जांच कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। जब मीडिया ने किसानों से चर्चा कि तो किसानों प्रभु लाल पिता हीरालाल गांव डोरिया खेड़ी, पप्पू पिता भागीरथ गांव सेदरा, विष्णु पिता लाल सिंह तंवर गांव तलावडा, दयाराम पिता नवल सिंह जमशेरपुरा, बालू सिंह पिता नारायण सिंह गांव मोतीपुरा, बजे सिंह पिता राम प्रसाद गांव हिनोतिया, रामचंद्र पिता रामलाल गांव बसलई, करण सिंह पिता किशन लाल परसपुरा, नारायण पिता हरलाल बालदया ने बताया कि साहब कांटा संचालक व्यापारियों से सांठ गांठ कर हमारे अनाज को 20 द्मद्द कम तोल रहा है हमने मंडी कर्मचारियों को भी बताया लेकिन उन्होंने हमारी शिकायत पर ज्यादा गौर नहीं की और हम किसानों से ही कहने लगे 10- 20 किलो अंतर होता रहता है, उसमें क्या है और कांटा संचालक किसानों को 20 किलो अनाज कम होने के बदले 400 रूपये किसान को देने की बात कर मामले को रफा-दफा करने लगा , इनके ऐसे शब्दों से ऐसा प्रतीत होता है कि व्यापारी और कांटा संचालक की मिली भगत के चलते ऐसा हो रहा है , इसकी जांच की जानी चाहिये और आवेदन लेकर किसान पुलिस थाने पहुंचे, अब देखना यह है कि किसानों को अपना हक मिलेगा या नहीं।
इनका कहना है
मेरा कोई कांटा नहीं है, मैंने ठेके से दे रखा है , मैं क्या करूं। तुम्हें जो लिखना है लिख दो।
-राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, कांटा संचालक, मंडी बोर्ड।
हां, दिखवाती हूं जांच कर कार्रवाई करेंगे।
-अंकिता जैन, एसडीएम, खिलचीपुर।
वरिष्ठ कार्यालय को अवगत कराकर जांच कर काटा सील किया जावेगा।
-देबीलाल सिसोदिया, मंडी सचिव, खिलचीपुर।
हां किसानों का एक आवेदन आया है, जांच कर कांटा संचालक पर कार्यवाही की जावेगी।
-प्रभात गौड, थाना प्रभारी, खिलचीपुर।