स्वतंत्र समय, कटनी
श्री 1008 मज्जिनेन्द्र पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ के प्रथम दिवस श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन बड़े मंदिर जी से घट यात्रा की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा यहां से प्रारंभ होकर कपड़ा बाजार, मेन रोड, गोल बाज़ार, हीरागंज, भगवती चौराहा, हुकुमचंद जैन बंगला मंदिर गली से होते हुए शंभू टॉकीज स्थित आचार्य आचार्य ज्ञान सागर सभागार में पहुंचकर धर्म सभा के रूप में परिवर्तित हो गई। शोभायात्रा में मंगल कलश लेकर इंद्राणियों के साथ अष्टकुमारियां शोभायात्रा में चल रही थीं। इसके ठीक पीछे आर्केस्ट्रा के माध्यम से भजनों की अमृतवर्षा की जा रही थी। शोभायात्रा में शामिल युवा जय जयकार लगाते हुए चल रहे थे। संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य निर्यापक मुनि समता सागर जी महाराज, मुनि श्री महासागर जी महाराज, मुनि श्री निष्कम्प सागर जी महाराज, ऐलक मुनि श्री निश्चय सागर जी महाराज एवं पालकी पर सवार श्री जी की जगह-जगह रंगोली सजाकर और आरती उतार कर अगवानी की गई।
तीन पालकियों पर श्री जी को लेकर श्रद्धालु गण चल रहे थे। रथ पर महोत्सव में इंद्राणी बने प्रमुख पात्र चल रहे थे। लगभग 1 किलोमीटर लंबी शोभा यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने उत्साह पूर्वक शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित किया। शोभायात्रा में हाथी एवं अश्व पर धर्म ध्वजा लिए श्रद्धालुओं पर चल रहे थे। कार्यक्रम स्थल आचार्य ज्ञान सागर जी सभागार पंच कल्यायक पंडाल संत नगर नई बस्ती में प्रतिष्ठा कार्य विनय भैया बंडा वाले के सानिध्य में शांति धारा हुई,पंडाल की शुद्धि कराई गई।उपरांत महाराज श्री के प्रवचन हुए। कल पंच कल्यालक प्रथम दिवस भगवान का गर्व कल्यालक मनाया जायेगा।
भव्य शोभायात्रा के साथ ही सात दिवसीय श्री 1008 मज्जिनेन्द्र पांच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ की आज से शुरुआत हो गई। शोभायात्रा में बंगला मंदिर अध्यक्ष विजय जैन, संजय जैन अध्यक्ष सकल जैन समाज, राकेश जैन कक्का, सुकीर्ति जैन पूर्व विधायक, राजकुमार जैन कलर लेब, सुधीर जैन पप्पू कोयला, अनुराग जैन, विजय जैन चूड़ी, मगन जैन, रम्मू जैन भजन सागर, दीपू जैन, अजीत जैन, पंडित शैलेंद्र जैन, आराधना जैन, अनूप जैन, संजय जैन, सुशील जैन, मनीष जैन, शेलू जैन, प्रवीण जैन, पप्पू जैन कृषि, अमित जैन कोयला, विनय जैन, अंकुर जैन, श्रीयांश जैन, ऋषभ जैन, सुमित जैन, ऋतु जैन, राजकुमारी जैन, पूर्वी जैन सहित बड़ी संख्या में जैन समाज के पुरुषों एवं महिलाओं की उपस्थिति रही।