स्वतंत्र समय, भोपाल
विधानसभा चुनाव के दौरान लगी आचार संहिता में आबकारी विभाग ने 40 दिनों में कार्रवाई करते हुए लगभग सवा लाख बल्क लीटर अवैध शराब पकड़ी है। जिसकी कीमत करीब एक करोड़ 40 लाख रुपये की बताई जा रही है। विभाग ने सबसे ज्यादा अवैध शराब हुजूर, बैरसिया और सबसे कम मध्य और दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में पकड़ी है। इसमें एक हजार 500 प्रकरणों में एक हजार 375 आरोपितों को गिरफ्तार भी किया है।
कलेक्टर भोपाल आशीष सिंह के निर्देश पर आबकारी विभाग ने आचार संहिता लगने से पहले ही अवैध शराब की बिक्री, संग्रहण, परिवहन और अनाधिकृत रूप से शराब परोसने वाले होटल, ढाबे और रेस्टोंरेट पर चेकिंग और कार्रवाई के लिए विधानसभा वार सात विशेष टीमें बनाई थी। इसके अलावा एक अन्य दल गठित किया था, जिसे कंट्रोल रूम में तैनात किया गया था। आबकारी अधिकारियों ने बताया कि आचार संहिता के दौरान लगातार कार्रवाई की गई है। इसके अलावा अवैध शराब की बिक्री की सूचना के लिए हमने नेटवर्क भी तैयार किया था। यही कारण था कि इतनी बड़ी मात्रा में हम शराब की धरपकड़ में सफल हुए। चुनाव आयोग के निर्देश पर मतदान के दौरान 48 घंटे का ड्राई डे था। इस दौरान आबकारी अमले ने 100 से अधिक जगह पर दबिश दी थी। खासतौर से यह दबिश अवैध रूप से शराब परोसने वाले रेस्टोंरेट पर ढाबों पर की गई थी।
हुजूर और बैरसिया में सर्वाधिक अवैध शराब की बिक्री
कच्ची शराब बनाने और बेचने के मामले में हुजूर विधानसभा का गांधी नगर, लालघाटी और उसके आसपास की बस्तियों के अलावा बैरसिया विधानसभा सबसे ज्यादा बदनाम है। असल में यहां पर कंजर समुदाय के लोग कच्ची शराब बनाकर आसपास के क्षेत्रों में अवैध रूप से बेचते हैं। इसलिए आबकारी अमले द्वारा यहां पर नजर रखते हुए कार्रवाई की है। इस मामले में राजेन्द्र जैन, जिला आबकारी कंट्रोलर का कहना है कि आचार संहिता के दौरान आबकारी विभाग ने अवैध शराब के खिलाफ अभियान चलकर एक करोड़ 40 लाख रुपये की सवा लाख बल्क लीटर अवैध शराब भी जब्त की है। इसके अलावा हर दिन लाइसेंसी शराब दुकानों का स्टाक चेक किया गया, ताकि यह पता चल सके कि किसने ज्यादा शराब का उठाव किया है।