आखिरकार वीरा राणा को मिली प्रशासनिक मुखिया की कमान, सीएम से मुलाकात के बाद आदेश जारी

स्वतंत्र समय, भोपाल

आखिरकार 1988 बैच की आईएएस वीरा राणा को मप्र का अगला मुख्य सचिव बना दिया गया है। बुधवार सुबह से ही उनके मुख्य सचिव बनने की अटकलें लग रही थीं और सीएम शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात के बाद यह तय माना जा रहा था कि वीरा राणा ही अगली मुख्य सचिव होंगी। देर रात इस संबंध में आदेश भी जारी हो गए।

निर्वाचन आयोग के निर्देश पर ये आदेश जारी हुए हैं, क्योंकि आचार संहिता में हर पोस्टिंग और ट्रांसफर निर्वाचन आयोग के निर्देश पर ही होते हैं। गौरतलब है कि राणा मप्र की दूसरी महिला मुख्य सचिव बनी हैं। पहली महिला मुख्य सचिव निर्मला बुच थीं। मप्र के मौजूदा मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस 30 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। वे एक साल पहले ही रिटायर हो चुके थे, लेकिन दो बार शिवराज सरकार ने उनको छह-छह महीने का एक्सटेंशन दिया था, जो अब पूरा हो गया था। इसलिए मतगणना से पहले नया मुख्य सचिव मप्र को मिलना था और इसे लेकर वीरा राणा पर निर्वाचन आयोग एक राय हुआ।

वीरा राणा को ही क्यों बनाया मुख्य सचिव?

बैस 24 मार्च 2020 से मप्र के मुख्य सचिव थे। वे सीएम शिवराज सिंह की पहली पसंद थे। इसलिए उनको दो बार एक्सटेंशन भी शिवराज सरकार द्वारा दिया गया। वे एक साल पहले ही रिटायर हो चुके थे, लेकिन शिवराज सरकार की कैबिनेट ने उनको छह-छह महीने का एक्सटेंशन दिया था। लेकिन एक्सटेंशन देने के बाद अब उनको 30 नवंबर को रिटायर होना है। लेकिन शिवराज सरकार अभी भी चाहती थी कि बैस की मौजूदगी में ही चुनाव पूरे हो। चूंकि आचार संहिता लगी हुई है, इसलिए सारे निर्णय निर्वाचन आयोग को लेने हैं। इसलिए एक बार फिर से शिवराज सरकार ने एक्सटेंशन के लिए बैस का नाम निर्वाचन आयोग को भेजा था, लेकिन आयोग ने शिवराज सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और वीरा राणा को मप्र का अगला मुख्य सचिव बना दिया।