स्वतंत्र समय, पन्ना
विगत एक वर्ष से पन्ना जिले की अजयगढ तहसील अन्तर्गत केन नदी के किनारे विभिन्न स्थानो पर खनिज अधिकारी की मिली भगत से खनिज माफियाओं द्वारा अवैध उत्खनन तथा परिवहन लगातार किया जा रहा है। इस मामले मे खनिज अधिकारी तथा स्थानीय रेत कारोबारियो का गठबंधन चल रहा था तथा लगातार रेत की निकासी की जा रही थी। उक्त मामले को लेकर मीडिया द्वारा लगातार प्रकाशित किया गया तथा जिला प्रशासन के अधिकारियों को अवगत कराया गया। लेकिन यह कार्य बदस्तूर जारी रहा।
पन्ना जिले की मीडिया द्वारा फिर से मामले को उठाया गया, जिसको लेकर कलेक्टर के निर्देश पर खनिज अधिकारी तथा अजयगढ अनुविभाग के राजस्व एवं पुलिस अधिकारीयो की संयुक्त टीम ने भीना, चांदीपाठी खदान पर छापामार कार्यवाही की गई। जिसमे मौके पर केन नदी के बीचो-बीच पन्ना जिले की तरफ से रास्ता बनाकर रेत का खनन करते हुए 5 पोकलेन मशीन 5 डंपर और एक वोट पंप मशीन मिली। केन नदी में पानी भरा पाया गया जिसमें पानी में से रेत निकाली जा रही थी। पोकलेन मशीन नदी की बीच धार में चलते पाई गई। राजस्व विभाग द्वारा खनिज विभाग और पुलिस विभाग के अमले की उपस्थिति में पन्ना जिले की ओर नदी में ग्रेवल से बनाया गया रास्ता तुड़वाया गया। मौके पर छतरपुर जिले के रेत ठेकेदार के कर्मचारी और प्रतिनिधि ने मशीने छतरपुर जिले की सीमा में होना बताया तथा सीमा विवाद भी बताया।
मौके पर छतरपुर जिले के रेत ठेकेदार प्रतिनिधि कर्मचारी भोला सिंह निवासी भीना तहसील अजयगढ़ की सुपुर्दगी में दिया गया। ज्ञात हो कि भोला सिंह जो स्वंय अवैध उत्खनन करा रहा था, प्रशासन ने उसी की सुपुर्दगी मे जप्त किये गये वाहन दिये गये है, जिस पर भी प्रश्न चिन्ह खडा हो रहा है। क्योकि चोरी करने वाले को ही माल सौप दिया गया है। ज्ञात हो कि रेत ठेकेदार रश्मित मल्होत्रा छतरपुर जिले मे रेत की खदाने स्वीकृत कराये हुए है, उसी की आड मे उसके द्वारा केन नदी की धारा रोककर नहरा ग्राम के पास नदी मे रास्ता बनाकर एक वर्ष से पन्ना जिले मे भी लगातार अवैध उत्खनन कराया जा रहा है। पन्ना जिले की अजयगढ तहसील मे 27 स्थानो पर रेत का अवैध उत्खनन लगातार कराया जा रहा है। बीरा, फरस्वाहा, जिगनी, चन्दौरा, रामनई, बरोली, चांदीपाठ सहित अन्य स्थानो पर अवैध खदाने चलाई जा रही है। बताया जाता है कि रश्मित मल्होत्रा की कंपनी द्वारा पन्ना जिले मे अलग अलग लोगो को शामिल करके तथा खनिज अधिकारी के संरक्षण मे ही यह कार्य चल रहा है। जिस प्रकार से प्रशासन द्वारा आज कार्यवाही की गई तथा नदी की धारा का कच्चा पुल तोडा गया है यह सिर्फ औपचारिकता है, इस प्रकार की कार्यवाहीयां पूर्व मे भी हुई थी। लेकिन रेता माफियाओ द्वारा दो चार दिन के अन्तराल मे फिर से नदी की धारा रोककर पुल बना लिये जायेगें तथा यह अवैध कारोबार फिर प्रारंभ हो जायेगा। जहां एक ओर पन्ना जिले की खदानो की नीलामी न होने से शासन को राजस्व का अरबो रूपये का नुकसान हुआ है, वहीं दूसरी ओर ठेकेदार मल्होत्रा तथा रेत माफियाओ को करोड़ों का फायदा हो रहा है। पन्ना जिले की जीवनदायनी केन नदी में अवैध उत्खनन से जीव जन्तुओ का जीवन भी खतरे मे हैं।