स्वतंत्र समय, ग्वालियर
ग्वालियर के मुरार स्थित जिला अस्पताल में एक किसान की सही इलाज न मिलने से मौत हो गई है। किसान को पेट दर्द होने पर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां शनिवार को उसकी मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही पर परिजन आक्रोशित हो गए। अस्पताल में हंगामा करते हुए बाहर सडक़ पर शव रखकर ट्रैफिक जाम लगा दिया।
गुस्से में आए परिजन ने जिला अस्पताल के गेट पर ताला लगा दिया। ट्रैफिक जाम की खबर लगते ही पुलिस बल भी मौके पर जा पहुंचा। पुलिस ने हालात को संभाला है और मृतक के परिजन को विश्वास दिलाया है कि उनकी शिकायत पर पुलिस कड़ा एक्शन लेगी। इसे बाद ट्रैफिक जाम खुल सका है। साथ ही पुलिस ने अस्पताल पर लगे ताले को भी खुलवाया है।
यह है पूरा मामला
ग्वालियर के बिजौली थाना क्षेत्र स्थित खुर्दपुरा गांव निवासी 55 वर्षीय फूलसिंह कुशवाहा पुत्र नारायण सिंह कुशवाहा के पेट में दर्द हुआ था। दर्द को ठीक करने के लिए परिजन ने अपने स्तर पर घरेलु तरीके अजमाए थे, लेकिन जब आराम नहीं मिला तो शुक्रवार रात किसान को मुरार जिला अस्पताल में भर्ती कराने पहुंचे थे। यहां रात को कोई डॉक्टर नहीं था। सही समय पर इलाज न मिलने से अस्पताल के बेड पर ही शनिवार सुबह छह बजे उसने दम तोड़ दिया। किसान की मौत से नाराज होकर परिजन ने उसके शव को अस्पताल के गेट पर रखकर चक्का जाम कर दिया। साथ ही अस्पताल के डॉक्टर पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी करने लगे। चक्काजाम की खबर लगते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और मृतक के परिजन को कार्रवाई करने का आश्वासन देखकर चक्का जाम खुलवा दिया गया।
परिजन बोले- डॉक्टर को बुलाते रहे नहीं आए
मृतक के परिजन मुकेश कुशवाहा का कहना है कि शुक्रवार रात को पेट में दर्द उठा था इसके बाद उन्हें मुरार जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। लेकिन डॉक्टर अपने रूम में ही सोते रहे कई बार बुलाने पर भी डॉक्टर नहीं आए। शनिवार सुबह होने पर डॉक्टर जब आया उससे पहले ही किसान ने दर्द से तड़पते हुए दम तोड़ दिया।
परिजन को कार्रवाई का आश्वासन संभाले हालात
मुरार थाना प्रभारी मदन मोहन मालवीय का कहना है कि अस्पताल में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। परिजन ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा कर चक्का जाम किया था। मौके पर पहुंचकर परिजन को कार्रवाई करने का आश्वासन देकर हंगामा शांत कर दिया गया है।